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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर राज्य की विभिन्न नई रेल परियोजनाओं पर चर्चा की। जहां छत्तीसगढ़ में चार प्रमुख रेल परियोजनाएं जल्द शुरू की जाएगी।  

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम विजय शर्मा दिल्ली दौरे पर हैं। जहां बुधवार को उन्होंने नई दिल्ली में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर राज्य की विभिन्न नई रेल परियोजनाओं पर चर्चा की। रेल भवन में हुई बैठक में सीएम श्री साय ने राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए रेल नेटवर्क के विस्तार की आवश्यकता पर जोर दिया। 

इस दौरान उन्होंने राज्य की चार प्रमुख रेल परियोजना धर्मजयगढ़-पत्थलगांव, लोहरदगा नई लाइन परियोजना, अंबिकापुर-बरवाडीह नई लाइन परियोजना, खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा नई रेल लाइन परियोजना और रावघाट-जगदलपुर नई रेल लाइन परियोजना के जल्द शुरू करने का आग्रह किया है। जिसके बाद रेल मंत्री ने परियोजनाओं पर तेजी से कार्य का आश्वासन दिया है। 

धर्मजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा तक 200 किमी की नई लाइन परियोजना

सीएम श्री साय ने बताया कि यह परियोजना क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है। यह पत्थलगांव, कुनकुरी, जशपुर नगर, गुमला आदि महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ती है। यह उत्तरी छत्तीसगढ़ क्षेत्र को झारखंड से जोड़ेगी और कोरबा-धर्मजयगढ़ परियोजना के कार्य प्रगति पर है। इस परियोजना के माध्यम से औद्योगिक (कोरबा) क्षेत्र को लोहरदगा से जोड़ने की योजना है। इसके अतिरिक्त, यह क्षेत्र को पूर्व में कोरबा और रांची के होकर मध्य भारत से जोड़ेगी। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 16,000 करोड़ रुपये है।

अंबिकापुर-बरवाडीह तक 200 किमी की नई लाइन परियोजना 

इस परियोजना की मांग आजादी से पहले 1925 में की गई थी। हालांकि, 1948 में मंजूरी मिलने के बावजूद  यह परियोजना अब तक अधूरी रही। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह परियोजना अंबिकापुर (उत्तरी छत्तीसगढ़) को बरवाडीह (झारखंड) से जोड़ेगी और परसा, राजपुर, चंदनपुर आदि महत्वपूर्ण शहरों को कनेक्ट करेगी। इस परियोजना के माध्यम से देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्से में कोयला और अन्य खनिजों के परिवहन के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 9000 करोड़ रुपये है।

खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा तक 277 किमी की नई रेल लाइन परियोजना 

सीएम श्री साय आगे ने बताया कि, यह परियोजना देश के पश्चिमी क्षेत्र में कोयला क्षेत्र, एसईसीएल और एमसीएल कोयला क्षेत्रों की निकासी के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करती है। यह बिलासपुर और रायपुर स्टेशनों को बायपास करते हुए बलौदाबाजार के समेत समृद्ध क्षेत्र को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 8000 करोड़ रुपये है।

रावघाट-जगदलपुर तक 140 किमी की नई रेल लाइन परियोजना 

रेलवे पहले से ही दल्ली-राजहरा-रावघाट 95 किमी नई रेलवे लाइन का निर्माण कर रही है। मुख्यमंत्री साय ने सुझाव दिया कि इस लाइन को जगदलपुर तक बढ़ाया जाए, ताकि आदिवासी क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक विकास किया जा सके। यह परियोजना छत्तीसगढ़ के खनिज समृद्ध क्षेत्र से इस्पात उद्योगों तक लौह अयस्क की निकासी के कुशल और पर्यावरण अनुकूल साधन प्रदान करेगी। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 3500 करोड़ रुपये है।

रेल मंत्री बोले- रेलवे मंत्रालय देगा इन्हें प्राथमिकता 

बैठक के दौरान केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन परियोजनाओं की संभावनाओं और लाभों को स्वीकार किया और इन पर तेजी से काम करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि, ये परियोजनाएं राज्य के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं और रेलवे मंत्रालय इन्हें प्राथमिकता देगा।


 

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