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जालसाज आए दिन ठगी करने के लिए नए-नए तरीके आजमा रहे हैं। चलते-फिरते कॉल सेंटर की आड़ में ठगी की दुकान चला रहे तीन आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

रायपुर। फर्जी कॉल सेंटर की आड़ में ठगी की दुकान चलाने के आरोप में पुलिस ने दिल्ली, मध्यप्रदेश के तीन जालसाजों को ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस गिरफ्त में आए जालसाजों ने दक्षिण कोरिया में एक निजी कंपनी में जॉब कर रहे व्यक्ति को बीमा पॉलिसी का प्रीमियम जमा करने के नाम पर 16 लाख की ठगी का शिकार बनाया है। पुलिस के मुताबिक ठगी के आरोप में मध्यप्रदेश, रींवा निवासी ऋषभ द्विवेदी, नितिन मिश्रा तथा दिल्ली, मयूर विहार निवासी अरुण कुमार दुबे को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने डीडीनगर निवासी हेमंत साहू की शिकायत पर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 

हेमंत ने पुलिस को बताया है कि, उसके पास पिछले वर्ष जनवरी में अज्ञात मोबाइल धारक लगातार कॉल कर अपने आपको फ्यूचर जनरली लाइफ इंश्योरेंस का एजेंट बताकर कॉल करने के साथ वाट्सएप कर रहा था। कॉल करने वाला हेमंत को उनके दक्षिण कोरिया में रह रहे साढ़ की प्रीमियम राशि जमा करने दबाव बना रहा था। जालसाजों ने हेमंत को झांसा में लेने के दो मेल आईडी से प्रीमियम राशि जमा करने मेल किया। इसके साथ ही जालसाजों ने हेमंत के साढ़ को भी मेल किया। इसके बाद हेमंत ने अपने साढू के कहने पर जालसाजों के बताए अकाउंट में 16 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिया।

कॉल कर पुनः पैसे मांगने से मिली जानकारी

रुपए ट्रांसफर होने के बाद जालसाजों ने हेमंत को पुनः कॉल किया। कॉल करने के बाद जालसाजों ने हेमंत को बताया कि 16 लाख में से एक प्रीमियम की राशि गलत खाते में ट्रांसफर हो गई है। इसके बाद जालसाजों ने सात लाख रुपए पुनः ट्रांसफर करने के लिए कहा। इसके बाद हेमंत ने बीमा एजेंट से संपर्क कर घटना की जानकारी दी। जिस अकाउंट में हेमंत ने रुपए ट्रांसफर किए थे, उस अकाउंट के बारे में बीमा एजेंट ने जानकारी जुटाई, तब पता चला कि जालसाजों ने हेमंत के साथ ठगी की है।

कॉल सेंटर चलती फिरती दुकान में चला रहे थे

पुलिस के अनुसार अरुण दुबे ठगी का मास्टर माइंड है। वह अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर चोरी का डेटा खरीदकर लोगों को अपने झांसे में लेकर ठगी का शिकार बनाता था। पुलिस ने अरुण को दिल्ली में गिरफ्तार किया तब उन्हें पता चला कि अरुण ठगी की दुकान चलाने किसी मकान में कॉल सेंटर चलाने के बजाय मेट्रो ट्रेन या राह चलते किसी बस स्टॉप में बैठकर लोगों का कॉल कर ठगी का शिकार बनाता था। अरुण ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश सहित कई और राज्यों के लोगों के साथ करोड़ों की ठगी की है।

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