दुर्ग। पुलगांव की आबादी जमीन पर डल रहे कचरे के खिलाफ लगाई गई याचिका पर एनजीटी ने एक्शन लिया है। एनजीटी ने नोटिस जारी करते हुए राज्य के आवास और पर्यावरण विभाग के सचिव, कमिश्नर दुर्ग, आयुक्त नगर निगम और पर्यावरण मंडल के सदस्य सचिव से जवाब तलब किया है। इस नोटिस के बाद प्रशासनिक अमले में खलबली मची हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार, नगर निगम दुर्ग लंबे समय से पुलगांव की आबादी भूमि में शहर से निकलने वाले कचरे को डंप करने की कोशिश कर रहा है। पार्षद सहित रहवासियों और कपड़ा व्यापारियों ने कई बार आबादी भूमि में कचरे को फेंकने के खिलाफ नाराजगी दिखाई है लेकिन इसके बावजूद निगम प्रशासन ने इस नाराजगी को नजरअंदाज करते हुए फिर से उसी जमीन पर दो ट्रक कचरा फेंक दिया है। इस मामले की शिकायत वार्ड क्रमांक 55 की पार्षद हेमेश्वरी निषाद ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण भोपाल के समक्ष एक याचिका दायर कर की थी।
छह सप्ताह में मांगी रिपोर्ट
एनजीटी ने 19 दिसंबर को एक आदेश जारी करते हुए मामले की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है। समिति में कलेक्टर दुर्ग और छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकृत प्रतिनिधि ने खसरा क्रमांक 148-1 पर नगर निगम द्वारा की जा रही ठोस और अपशिष्ट की डंपिंग की जांच कर छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है।
आधा दर्जन को थमाया नोटिस
नियमानुसार अधिकृत डंपयार्ड पर ही ठोस और अपशिष्ट कचरों को डाला जा सकता है। आबादी भूमि पर कचरा डालने का कोई प्रावधान नहीं है। यहीं कारण है कि, एनजीटी ने प्रकरण में आवास और पर्यावरण विभाग के सचिव, कमिश्नर, कलेक्टर दुर्ग, नगर निगम दुर्ग और छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के सदस्य के नाम नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।
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सख्त कार्रवाई की दी चेतावनी
जिस जगह पर निगम कचरा फेंकने की कोशिश कर रहा है, वहां दुर्ग शहर के ही कई सामाजिक संगठनों ने चार हजार से अधिक पौधों का पौधारोपण किया है। यहीं कारण है कि, इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एनजीटी भोपाल ने प्रशासन को जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। वहीं यह भी साफ कर दिया है कि इस प्रकरण में जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।