रायपुर। त्योहारी सीजन में जमकर मुनाफाखोरी का खेल चल रहा है। आयात शुल्क की आड़ में जहां खाद्य तेलों के दाम 40 से 45 रुपए बढ़ाकर जमकर मुनाफाखोरी की जा रही है। वहीं अब नवरात्रि के समय से ही देशी घी के दाम भी 50 रुपए तक बढ़ा दिए गए हैं। इस समय घी की कीमत अलग-अलग ब्रांड 520 से 800 रुपए तक है।महंगाई बिलकुल भी थमने का नाम नहीं ले रही है। जिसको मौका मिल रहा है, वह मौके का फायदा उठाकर किसी भी सामान के दाम बढ़ा दे रहा है।
कई बार सामानों की कीमत बढ़ने के पीछे कारण भी रहता है, लेकिन ज्यादातर मौकों पर मुनाफाखोरी के कारण ही दाम बढ़ाए जाते हैं। उत्पादकों को जब मौका मिलता है तो वो थोड़े से दाम बढ़ाते हैं, लेकिन थोक कारोबारी से लेकर चिल्हर कारोबारी इसका फायदा उठाकर कीमत और ज्यादा बढ़ा देते हैं।
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पांच सौ से कम कोई घी नहीं
नवरात्रि से पहले कुछ ब्रांड के घी की कीमत पांच सौ से कम थी, लेकिन नवरात्रि के समय ज्यादातर ब्रांड ने अपने-अपने ब्रांड की कीमत में 30 से 50 रुपए का इजाफा किया है। जानकारों का कहना है कि घी की कीमत राष्ट्रीय स्तर पर नहीं बढ़ी है, लेकिन अपने प्रदेश में कारोबारियों ने मुनाफाखोरी के कारण चुपके के कीमत में इजाफा कर दिया है। जो घी पहले 455 रुपए मिल रहा था, इसकी कीमत अब पांच सौ रुपए पार हो गई है। इसी तरह से 630 वाले ब्रांड को 670, सात सौ वाले को साढ़े सात सौ और साढ़े सात सौ वाले को आठ सौ रुपए कर दिया गया है। चिल्हर कारोबारी एक ब्रांड की अलग-अलग ग्राहक देखकर कीमत वसूल रहे हैं। एक दुकान में जो घी 510 में मिल रहा है, वहीं दूसरी दुकान में 520 से 530 रुपए में बेचा जा रहा है।
खाद्य तेल 45 रुपए तक महंगा
खाद्य तेलों में आयात शुल्क बढ़ने के बाद प्रदेश भर में मुनाफाखोरी का जमकर खेल हो रहा है। जहां राजधानी के डूमरतराई थोक बाजार के कारोबारियों ने सोया और राइसब्रान जैसे तेलों में 30 रुपए प्रति लीटर तक का इजाफा कर दिया है। वहीं रायपुर शहर के छोटे थोक कारोबारियों ने भी कीमत 35 रुपए और चिल्हर दुकानदारों ने कीमत में 45 रुपए का इजाफा कर दिया है। जो सोया तेल पहले थोक में 90 रुपए और चिल्हर में 100 रुपए था, वह अब 145 रुपए में बेचा जा रहा है। इसी तरह से राइसब्रान का हरेली तेल भी थोक में 90 और चिल्हर में 100 रुपए बिक रहा था, उसको 140 रुपए में बेचा जा रहा है। डूमरतराई बाजार में रोज खाद्य तेलों का ही कारोबार रोज का 80 लाख से एक करोड़ का होता है। केंद्र सरकार ने आयात शुल्क में इजाफा किया है। इसके बाद से ही राजधानी रायपुर के थोक से लेकर चिल्हर बाजार में कीमत में आग लग गई है। हालांकि आयात शुल्क बढ़ने के बाद जब नया माल आया नहीं था तभी थोक कारोबारियों ने अपने मन से ही 20 रुपए तक कीमत में इजाफा कर दिया था। अब कीमत त्योहारी सीजन को देखते हुए और बढ़ा दी गई है।