जशपुरनगर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के गृहजिले जशपुर के तीतरमारा संगम तट से श्री फलेश्वरनाथ मंदिर बगिया तक भव्य कांवड़यात्रा का आयोजन किया गया। 7 किलोमीटर लंबी इस कांवड़ यात्रा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी कौशल्या साय सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
संगम तट से नदी का पवित्र जल कलश में लेकर, श्रीमती कौशल्या साय रिमझिम वर्षा के बीच श्रद्धालुओं के साथ पदयात्रा कर श्री फलेश्वरनाथ मंदिर पहुंची। यहां उन्होंने भगवान शिव का जलाभिषेक कर, देश और प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और विकास का आशीर्वाद मांगा। श्रीमती साय ने बताया कि, सावन के पवित्र मास के दौरान श्री फलेश्वरनाथ महादेव के जलाभिषेक करने की परम्परा सालों से अनवरत चली आ रही है। इस परम्परा का निर्वहन करते हुए ही यह आयोजन किया गया है।
बारिश की परवाह किए बिना जयकारे लगाते चलते रहे श्रद्धालु
उन्होने बताया कि, कांवर यात्रा की यह परम्परा स्वफूर्त है। इसके लिए दिन का निर्धारण की सबकी सहमति से किया जाता है। कांवर यात्रा में शामिल होने के लिए ईब और मैनी नदी के संगम पर सुबह से ही श्रद्वालु कलश और कांवर लेकर जुटने लगे थे। रूक- रूक कर हो रही वर्षा की परवाह ना करते हुए भगवा वस्त्र धारण किये हुए हजारों की संख्या में महिला, पुरूष और बच्चे संगम तट पर पूरे उत्साह के साथ जुटे हुए थे। संगम तट भगवान शिव और माता पार्वती के जयकारे से गुंजायमान हो रहा था।
सात किमी. नंगे पैर पैदल चलीं श्रीमती साय
भक्तों के साथ श्रीमती कौशल्या साय ने संगम तट से नदी का पवित्र जल कलश में लेकर नंगे पाव पैदल यात्रा करते हुए श्री फलेश्वर महादेव मंदिर पहुंची। यहां विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान आशुतोष की पूजा अर्चना कर जलाभिषेक किया। जलाभिषेक के बाद मंदिर में विशाल भंडारा का आयोजन किया गया था। इस भंडारे में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। श्रीमती कौशल्या साय ने भंडारा में पहुंचे श्रद्धालुओं को प्रसाद का वितरण किया।
आस्था का केंद्र है श्रीफलेश्वरनाथ शिव मंदिर
उल्लेखनीय है कि, बगिया में मैनी नदी के तट में स्थित श्री फलेश्वरनाथ शिव मंदिर शिव भक्तों की आस्था का केन्द्र है। यहां अभी कुछ हि दिनों पहले 51 हजार पार्थिव शिवलिंग के साथ शिव कथा का आयोजन किया गया था। इस महा आयोजन में भी जिले सहित आसपास के पड़ोसी राज्य झारखंड और ओडिशा से श्रद्धालु शामिल हुए थे।