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जिला पंचायत सुकमा के सीईओ लक्ष्मण तिवारी का कैडर बदल दिया गया है। 2021 बैच के आईएएस तिवारी को विवाह के बाद कॉमन विकल्प के तहत बिहार कैडर अलॉट किया गया है।

रायपुर। जिला पंचायत सुकमा के सीईओ लक्ष्मण तिवारी का कैडर बदल दिया गया है। 2021 बैच के आईएएस तिवारी को विवाह के बाद कॉमन विकल्प के तहत बिहार कैडर अलॉट किया गया है। तिवारी की पत्नी दिव्यांजलि जायसवाल बिहार कैडर की आईपीएस हैं। साल 2021 में छत्तीसगढ़ को तीन आईएएस मिले थे, जिनमें से एक ने कैडर बदल लिया है। वे जल्द ही रिलीव कर दिए जाएंगे। 

आईएएस लक्ष्मण तिवारी छत्तीसगढ़ कैडर के 2021 बैच के आईएएस हैं। वे बिहार के मूल निवासी हैं। उन्होंने फर्स्ट अटैम्प्ट में ही यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और 71 वीं रैंक हासिल किया। फिलहाल वे सुकमा में सीईओ और एसडीएम के पद पर काम कर रहे हैं। आईएएस लक्ष्मण तिवारी का जन्म 23 मार्च 1997 को बिहार के सिवान जिले के सैदपुर गांव में हुआ। उनके पिता सुरेश तिवारी व्यापारी हैं और मां सबिता देवी गृहणी हैं। लक्ष्मण तिवारी अपने परिवार में यूपीएससी निकालने वाले पहले व्यक्ति हैं। 

गांव में ही पूरी हुई थी प्रारंभिक शिक्षा
लक्ष्मण तिवारी की प्रारंभिक शिक्षा गांव से हुई थी। इसके बाद सानी बसंतपुर से उन्होंने मैट्रिक और सारण के ताजपुर से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। इसके बाद स्नातक के लिए वे दिल्ली विश्वविद्यालय चले गए। वहां से उन्होंने पॉलिटिकल साइंस और इंटरनेशनल रिलेशन में बीए की डिग्री हासिल की। इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान में एमए की डिग्री हासिल की। 

पहले ही अटेम्प्ट में क्लीयर कर लिया यूपीएसएसी
लक्ष्मण तिवारी ने दिल्ली में रहकर ही यूपीएसएसी की तैयारी की और अपने फर्स्ट अटेम्प्ट (2019) में ही 176 वें रैंक के साथ आईपीएस के लिए सलेक्ट हुए। उन्हें पश्चिम बंगाल कैडर मिला। आईपीएस की ट्रेनिंग करते हुए ही उन्होंने  यूपीएससी (2020) में दूसरा अटेम्प्ट दिया और 71 वें रैंक के साथ आईएएस बनें। 

एसडीएम और निगम आयुक्त का संभाला पदभार 
लक्ष्मण तिवारी ने 5 दिसंबर 2021 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की। लाल बहादुर शास्त्री प्रशिक्षण अकादमी से ट्रेनिंग पूरी की। इसके बाद फील्ड प्रशिक्षण के लिए दुर्ग जिले में सहायक कलेक्टर के पर नियुक्त हुए। दुर्ग में लक्ष्मण तिवारी ट्रेनिंग के दौरान धमधा तहसीलदार, दुर्ग के एसडीएम और निगम आयुक्त के छुट्टी में जाने के दौरान कुछ दिनों तक निगम आयुक्त का भी प्रभार संभाल चुके हैं। 

सुकमा जिला पंचायत सीईओ और एसडीएम का प्रभार 
दुर्ग में एसडीएम रहते हुए उन्होंने अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ अभियान चलाया था। इसके अलावा कोहका में पटवारी के कार्यालय में छापा मारकर 8 लाख रुपए की नगद रकम बरामद कर पटवारी को निलंबित कर दिया था। कोरोना के समय वैक्सीनेशन के दौरान उन्होंने अच्छा काम किया। फिर वे सूरजपुर जिले में एसडीएम बनें। अभी वे सुकमा जिला पंचायत सीईओ और एसडीएम के प्रभार में हैं। सरकारी स्कूलों और सार्वजनिक सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए वे लगातार काम कर रहे हैं।

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