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छत्तीसगढ़ इन्द्रावती राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1981 में हुई और इसका उन्नयन इन्द्रावती टाईगर रिजर्व के रूप में वर्ष 2009 में किया गया। लगभग 15 वर्ष से इस क्षेत्र के वनवासी अपने अधिकारों से वंचित रहे। 

महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ इन्द्रावती राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1981 में हुई और इसका उन्नयन इन्द्रावती टाईगर रिजर्व के रूप में वर्ष 2009 में किया गया। लगभग 15 वर्ष से इस क्षेत्र के वनवासी अपने अधिकारों से वंचित रहे। वन विभाग की ओर से अब इन्द्रावती टाईगर रिजर्व के ग्रामीणों को क्षतिपूर्ति देने सर्वे किया जाएगा। इसके लिए रिजर्व की ओर से टीम गठित करने की तैयारी की जा रही है। 

बताया जा रहा है कि, रिजर्व में स्थित गांवों को प्रतिबंधित किया गया और ऐसे ग्रामीणों को क्षतिपूर्ति के लिए फाईल बनाई। जिस पर किसी का ध्यान नहीं किया, इसके चलते क्षतिपूर्ति की फाईल धूल खा रही थी। हालांकि वर्तमान कलेक्टर ने इस फाईल से धूल हटा दिया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2009 में इन्द्रावती टाईगर रिजर्व घोषित पर प्रतिबंधित होने से कई गांव के ग्रामीणों में से कुछ ने आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र पलायन कर चुके और कुछ ग्रामीणों ने भोपालपटनम, बीजापुर, मद्देड़ आदि क्षेत्र में बसाहट लिया। 

कलेक्टर अनुराग पाण्डेय
कलेक्टर अनुराग पाण्डेय

उप निदेशक बोले- सर्वे कर गठित करेंगे टीम

इन्द्रावती टाईगर रिजर्व बीजापुर के उप निदेशक संदीप बलगा ने बताया कि, वर्तमान में प्रति परिवार के वयस्क सदस्यों को क्षतिपूर्ति देने के लिए सर्वे किया जाएगा। इसके लिए टीम गठित की जाएगी।

कलेक्टर बोले- कार्रवाई की जाएगी

कलेक्टर अनुराग पाण्डेय ने इस संबंध में बताया कि प्रभावित ग्रामीणों को क्षतिपूर्ति प्रथम चरण पर विस्तृत विज्ञापन भी प्रकाशित किया जाएगा। जिससे इन गांवों के पूर्व निवासियों द्वारा अपने दस्तावेज आदि का राजस्व अधिकारी से अभिप्रमाणित कराने के पश्चात आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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