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जशपुर जिले के खड़कोना गांव में मृत राजेन्द्र चौराठ की मौत के बाद उसके शव को ईसाई रीति रिवाज से दफना दिया गया था। इस मामले में भुइंहर समाज के अध्यक्ष ने ईसाई युवतियों पर हिन्दू लड़कों के धर्मान्तरण का आरोप लगाया।

जितेंद्र सोनी- जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर  जिले के जिस गांव से ईसाईयत की शुरुआत हुई थी। अब उसी गांव में धर्मांतरण को लेकर विवाद शुरू हो गया है। धर्मांतरण को लेकर उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस गांव में 7 युवकों के धर्मान्तरण का आरोप भाजपा नेताओं एवं आदिवासी समाज के लोगों ने लगाया है। आरोप ईसाई समाज की लड़कियों पर लगाया है कि, ईसाई लड़कियां हिन्दू लड़को से प्रेम सम्बंधो के बाद उनका धर्मान्तरण कराकर ईसाई बनवा रही हैं। 

मनोरा विकासखण्ड के खड़कोना में 1905  में 4 हिन्दू परिवारों ने ईसाई धर्म अपनाया था और यहीं से ईसाई धर्म की शुरुआत जशपुर जिले में हुई थी। अब जिले में ईसाई धर्म को मानने वालों की संख्या लाखो में है। अब 119 साल बाद ईसाईयत की शुरूआत होने वाले गांव खड़कोना के कोरोकोटोली गांव में धर्मांतरण को लेकर शुरू हुआ। विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। 13 अगस्त को आकाशीय गाज में मृत राजेन्द्र चौराठ की मौत के बाद उसके शव को ईसाई रीति रिवाज से दफना दिया गया। जिसके बाद एक बड़ा विवाद शुरू हो गया। राजेन्द्र चौराठ जो भुइंहर समाज का था और उसके परिजन आज भी हिन्दू धर्म मानते हैं। उसकी मौत के बाद उसे ईसाई रीति रिवाज से दफनाए जाने को लेकर इस गांव में विवाद शुरू हुआ था जो थमता नजर नहीं आ रहा। भुइंहर समाज के अध्यक्ष ने ईसाई युवतियों पर हिन्दू लड़कों के धर्मान्तरण का आरोप लगाया। 

आदिवासी समाज के लोगों ने लगाया धर्मान्तरण का आरोप 

स्थानीय लोगों का आरोप है कि, कोरकोटोली गांव पहले हिन्दू बाहुल्य गांव था। लेकिन लगतार धर्मान्तरण से अब इस गांव में हिन्दू अल्पसंख्यक हो गए हैं।भुइंहर समाज के  लोगों का आरोप है कि, भुइंहर समाज के 7 युवकों से ईसाई लड़कियों से प्रेम संबंध स्थापित हुए और उसके बाद उन युवको का धर्मान्तरण हो गया। राजेन्द्र चौराठ भी हिन्दू था, लेकिन उसने ईसाई युवती से शादी की और उसके बाद उसका बपतिस्मा करवाकर गैरकानूनी तरीके से धर्मान्तरण करवा दिया गया। राजेन्द्र चौराठ की पत्नी और पुत्र खुद बता रहे हैं कि, राजेन्द्र ने बपतिस्मा लेकर ईसाई धर्म ग्रहण कर लिया। लेकिन सरकारी दस्तावेजों में कहीं भी राजेन्द्र चौराठ के धर्मान्तरण का जिक्र नहीं है।

समाज के लोगों ने ईसाई लड़कियों पर लगाया धर्मान्तरण का आरोप 

राजेन्द्र चौराठ ही नहीं बल्कि हिन्दू धर्म को मानने वाले भुइंहर समाज के 6 अन्य युवकों के धर्मान्तरण का आरोप भी भुइंहर समाज के लोग लगा रहे है। भुइंहर समाज के लोगों का आरोप है कि, ईसाई समाज की लड़कियों के टारगेट पर हिन्दू लड़के है। ईसाई लड़कियों को धर्मान्तरण की ट्रेनिंग दी जा रही है वो हिन्दू लड़को को फंसाती हैं उनसे शादी करती हैं और उनका धर्म परिवर्तन करवा रही है। वहीं गांव के सरपंच जो खुद ईसाई धर्म मानते हैं उनका कहना है कि, शादी के बाद 7 लोग धर्मान्तरित हुये है बपतिस्मा कराकर लोगों का धर्मान्तरण कराया जा रहा है। 

ईसाई आदिवासी महासभा के प्रदेशाध्यक्ष ने आरोपों का किया खंडन 

वहीं ईसाई आदिवासी महासभा के प्रदेशाध्यक्ष अनिल किस्पोट्टा ने ईसाई समाज पर लग रहे आरोपों को दरकिनार करते हुए कहा कि, ईसाई समाज और समाज की युवतियों के ऊपर लगाये गए आरोप गलत है। वहीं इस मामले में ईसाई आदिवासी महासभा के अध्यक्ष ने बताया कि, राजेन्द्र चौराठ की मृत्यु के पूर्व भी उनके दो बच्चों का असामयिक निधन हुआ था और उनका भी अंतिम संस्कार ईसाई रीति रिवाज से किया गया था। उस वक्त कोई भी दल राजनीति करने नहीं आया था तो अब राजनीति क्यों?

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शिवरतन शर्मा की अगुवाई में पहुंची बीजेपी की जांच टीम 

विवाद को देखते हुए भाजपा ने शिवरतन शर्मा की अगुवाई में चार सदस्यीय टीम गठित कर मामले की जांच शुरू की थी। जांच टीम जब गांव पहुंची तो वहां एक विधायक रेणुका सिंह और भाजपा नेता शिवरतन शर्मा ने भी इस क्षेत्र में हो रहे धर्मान्तरण पर नाराजगी जताते हुए सरकार से कड़ी कार्रवाई करने की बात कह रहे है। बहरहाल जिस तरीके से जशपुर में धर्मांतरण को लेकर विवाद शुरू हुआ है। धर्मान्तरण को लेकर भुइंहर समाज के साथ भाजपा और हिन्दूवादी संगठन खड़े नजर आ रहे हैं और सभी एकजुट होकर धर्मान्तरण के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई शुरू करने की तैयारी में हैं।

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