कुलजोत संधु- फरसगांव। चुनावों के समय में पार्टियां वोटरों को लुभाने के लिए घोषणा पत्र जारी करती हैं। जहां वो तरह- तरह के वादे जनता से करते हैं। लेकिन, यदि निर्दलीय प्रत्याशी मिलकर अपना घोषणा पत्र जारी करें तो आपको शायद अजीब लगे। जी हां... हम बात कर रहे हैं, छत्तीसगढ़ के फरसगांव के केशकाल नगर पंचायत की। जहां के निर्दलीय अध्यक्ष और पार्षद पद प्रत्याशियों ने मिलकर अपना घोषणा जारी किया है।
कोंडागांव जिले के केशकाल नगर पंचायत में अध्यक्ष और पार्षद पद के निर्दलीय प्रत्याशियों ने घोषणा पत्र जारी किया है। जिसमें उन्होंने विधवा और विकलांग को प्रत्येक माह 200 रुपए पेंशन देने का वादा किया है। पंचायत कचरा संकलन से मुफ्त होगा और गर्भवती महिला को पुत्री प्राप्ति होने पर 3000 हजार की सहायता राशि दी जाएगी। निर्दलीय अध्यक्ष और 8 निर्दलीय पार्षद कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं।
बीजेपी ने ढाई सौ कार्यकर्ताओं को किया निष्काषित
नगरीय निकाय चुनाव की सरगर्मी के बीच भाजपा ने प्रदेशभर में बगावत कर चुनावी मैदान में उतरे कार्यकर्ता-नेताओं के खिलाफ सख्ती शुरू कर दी है। पार्टी के ऐसे कार्यकर्ता जो निर्दलीय रूप से अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, उनको निलंबित किया जा रहा है। अब तक ढाई सौ कार्यकर्ताओं को छह साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। इससे ज्यादा कार्यकर्ताओं पर अभी भी निलंबन की तलवार लटकी हुई है। कई जिलों में निलंबन को लेकर सूची जारी की जा चुकी है।
संगठन ने जारी किया निलंबन आदेश
प्रदेशभर में नगरीय निकाय चुनाव जारी है। भाजपा ने सभी पदों के लिए अपने अधिकृत प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है, परन्तु टिकट नहीं मिलने से नाराज सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता भी चुनावी मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतर गए हैं। ऐसे कार्यकर्ताओं की वजह से कई जगह पार्टी का समीकरण भी बिगड़ता नजर आ रहा है। ऐसे में बागियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेते प्रदेश संगठन ने निलंबन के आदेश जारी करना शुरू कर दिया है। भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार करीब छह सौ कार्यकर्ताओं को निलंबित किया जाएगा। इनमें पहले चरण में ढाई सौ कार्यकर्ताओं को निलंबित करने की सूची तैयार की जा चुकी है। वहीं इतने ही कार्यकर्ताओं पर निलंबन की तलवार लटक रही है।
खिलाफ में काम करना पड़ेगा भारी
पार्टी ने यह भी साफ कर दिया है कि निलंबन की कार्रवाई केवल बागी होकर चुनाव लड़ रहे कार्यकर्ताओं के खिलाफ ही नहीं की जाएगी, बल्कि यदि कोई कार्यकर्ता पार्टी के खिलाफ काम करता है तो उसके खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि चुनावी माहौल में पार्टी के खिलाफ काम करना पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाता है। प्रदेश संगठन ने सभी जिलों में इसकी मॉनिटरिंग का जिम्मा भी नेताओं को दिया है।