राजनांदगांव। केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय गुरुवार को डोंगरगढ़ स्थिति चंद्रगिरि तीर्थ में विनयांजलि समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, राज्यसभा सांसद नवीन जैन, लोकसभा सांसद राजनांदगांव संतोष पाण्डेय, जैन समाज के संत समता सागर महराज, जनप्रतिनिधि एवं जैन समाज के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री भारत सरकार श्री शाह ने कहा कि, दिगम्बर जैन आचार्य विद्यासागर महाराज ईश्वर तुल्य व्यक्तित्व हैं। आज इस पवित्र भूमि पर उन्हें काव्यांजलि देने का अवसर मिला है। आचार्य विद्यासागर ने यहां अंतिम साधना कर इस स्थान को समाधि के लिए पसंद किया। एक वर्ष बाद यहां काव्यांजलि देने के लिए आने का अवसर मिला है। दिगम्बर जैन आचार्य विद्यासागर महाराज केवल एक संत नहीं, जैनाचार्य नहीं, युग पुरूष थे। उन्होंने नये विचार एवं युग का प्रर्वतन किया। उनकी तप साधना की तथा भारतीय संस्कृति, कर्मों के ज्योर्तिपुंज बने तथा देश की पहचान को विश्व में व्याख्यायित किया।
यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने आचार्य श्री विद्यासागर जी के भारतीयता के विचारों का अनुकरण करने का कार्य किया।
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) February 6, 2025
- केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी@narendramodi @AmitShah pic.twitter.com/5wOZmBVCvd
पीएम मोदी ने आचार्य श्री के संदेशों का अनुकरण किया
उनके साथ बिताए हुए यादों का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि, दिगम्बर जैन आचार्य विद्यासागर महाराज का आग्रह हमारे देश की भाषाओं का संरक्षण संवर्धन तथा संस्कृति को समृद्ध बनाने का था। उन्होंने कहा कि जी-20 सम्मेलन की मेजबानी के दौरान प्रधानमंत्री के आमंत्रण में पीएम ऑफ भारत लिखा गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके संदेशों का अनुकरण किया। जिससे विश्व अचंभित हो गया। भारतीयता के भक्त इससे आल्हादित एवं आनंदित थे। इस अवसर पर गृह मंत्री ने दिगम्बर जैन आचार्य विद्यासागर महाराज की स्मृति में 100 रूपए का सिक्का तथा उनके जीवन कंवल को वर्णित करने वाले स्पेशल कव्हर डॉक लिफाफा विमोचन किया। 108 अष्टधातु से निर्मित आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी के चरण चिन्ह का लोकार्पण किया।
![Acharya Vidyasagar Maharaj Smriti Acharya Vidyasagar Maharaj Smriti](https://img.haribhoomi.com/uploadimage/library/16_9/16_9_5/Acharya_Vidyasagar_Maharaj_Smriti_1738848982.webp)
आचार्यश्री ने पंचतत्व को आत्मसात किया : शाह
केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री भारत सरकार श्री शाह ने कहा कि, दिगम्बर जैन आचार्य विद्यासागर महाराज ने तपस्या का मार्ग अपनाया और अंतिम समय में उन्होंने पंचतत्व को आत्मसात किया। उनका शरीर कृशकाय होता गया। उनके जीवन से जैन समाज को आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है। उन्होंने अपना जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया। ऐसे लोग विरले होते है। अहिंसा परमो धर्म: को समस्त विश्व में व्याख्यायित किया। उन्होंने जीवन भर जैन धर्म के सभी सिद्धातों का पालन किया। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वसुधैव कुटुम्बकम, अहिंसा परमो धर्म की पोटली बांधकर उनके संदेशों का विश्व में प्रचार कर रहे है। उन्होंने कहा कि दिगम्बर जैन आचार्य विद्यासागर महाराज की स्मृति में भारत में 100 रूपए का सिक्का तथा उनके जीवन कंवल को वर्णित करने वाले 5 रूपए का लिफाफा का लोकार्पण किया। जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।
![Vinyanjali Ceremony, Union Home Minister Amit Shah Vinyanjali Ceremony, Union Home Minister Amit Shah](https://img.haribhoomi.com/uploadimage/library/16_9/16_9_5/_Vinyanjali_Ceremony__Union_Home_Minister_Amit_Shah_1738849129.webp)
आचार्यश्री के विचार संदेश बनकर युगों-युगों तक अमर रहेंगे
गृह मंत्री ने कहा कि, यह संत परंपरा का सम्मान है और इसकी आज समाज को बहुत जरूरत है। उनके सिद्धांत, उपदेश, विचार संदेश बनकर युगों-युगों तक अमर रहेंगे। उनका जीवन त्याग, संयम, तपस्या से परिपूर्ण रहा। देश की संत परंपरा समृद्ध रही है और भारत भूमि में संत परंपरा का निर्वहन किया जाता रहा है। यहां के संतों ने देश को एकता के सूत्र मेंं बांधा है और भक्ति के माध्यम से राष्ट्रीय चेतना की लौ जलाए रखी है। पाश्चात्य संस्कृति से दूर रहते हुए देश की संस्कृति एवं भाषा को संबल दिया है। जैन मुनि ने देश को एक करने का कार्य किया। पैदल घूम कर त्याग की पराकाष्ठा का अपने कर्मों से संदेश देने का कार्य किया है। उन्होंने अपना जीवन धर्म, संस्कृति और राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित किया। उन्होंने अंतिम क्षण तक खुद की परवाह करे बगैर राष्ट्र धर्म का पालन किया। उन्होंने सबके प्रति समभाव रखा तथा वितरागी रहे। हिन्दी में मूक माटी उनका महाकाव्य बना। अनेक भाषाओं में उनके अनुयाययियों ने इसे संरक्षित किया है।
![Union Home Minister Amit Shah Union Home Minister Amit Shah](https://img.haribhoomi.com/uploadimage/library/16_9/16_9_5/Union_Home_Minister_Amit_Shah_1738848798.webp)
सीएम साय ने जनता की ओर से गृहमंत्री का जताया आभार
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री श्री साय ने आभार व्यक्त किया कि, दिगम्बर जैन आचार्य विद्यासागर महाराज का अधिकांश जीवन डोंगरगढ़ चंद्रगिरि तीर्थ में बीता और संलेखना के माध्यम से उन्होंने देह त्यागे। छत्तीसगढ़ की जनता एवं जैन समाज की ओर से उन्होंने गृह मंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने आचार्य समता सागर महाराज तथा जैन मुनियों को धन्यवाद दिया। छत्तीसगढ़ की धरती में कदम रखने वाले सभी साधु संतों का आर्शीवाद प्रदेश को मिला है। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद श्री नवीन जैन ने भी अपना उद्बोधन दिया। इस अवसर पर इस अवसर पर मुनि श्री पवित्रसागर जी, मुनि श्री आगमसागर जी,मुनि श्री पुनीत सागर जी, वरिष्ठ आर्यिका गुरुमति माताजी,आर्यिकारत्न दृणमति माताजी, जैन समाज के श्री अशोक पाटनी, महोत्सव के अध्यक्ष श्री विनोद बडज़ात्या, श्रीकांत प्रभात जैन, श्री विनोद जैन, श्री मनीष जैन एवं जैन समाज के पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में जनसामान्य उपस्थित थे।
प्रतिभास्थली विद्योदय ज्ञानपीठ का लाकार्पण
उल्लेखनीय है कि, एलक धैर्य सागर महाराज द्वारा रचित अंतर्यात्री महायात्रा नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। निर्यापक श्रमण श्री समतासागर महाराज जी द्वारा रचित समाधि संबोधन नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। डिजिटल माध्यम से प्रतिभास्थली विद्योदय ज्ञानपीठ रोजगारोन्मुखी नि:शुल्क कन्या विद्यालय कारोपानी डिंडोरी मध्यप्रदेश का लोकार्पण किया। जहां छात्राओं को पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार की शिक्षा नि:शुल्क प्रदान की जाएगी।