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कोरिया जिले में आयुक्त सरगुजा ने एक माइनर नहर में हुए अतिक्रमण को ना तोड़ने का आदेश जारी कर दिया है। जबकि, इस मामले पर हाईकोर्ट में प्रशासन को जवाब देना ढाई माह से लंबित है। 

रविकांत सिंह राजपूत- कोरिया। छत्तीसगढ़ के कोरिया  जिले में अफसरशाही किस तरह काम कर रही है, इसको देखने की जरूरत है। जहां एक ओर नहर, नदी, तालाबों में अतिक्रमण हटाने को लेकर साय सरकार बुलडोजर कार्यवाही करने पर लगी हुई है। वहीं दूसरी तरफ उसके कुछ अफसर अतिक्रमण हटाने के बजाय उसे संरक्षण देने में जुट गए हैं। 

यह है पूरा मामला 

ऐसा ही एक मामला सरगुजा संभाग में निकल कर आया है। यहां अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में आयुक्त सरगुजा ने एक माइनर में हुए अतिक्रमण को ना तोड़ने का आदेश जारी कर दिया है। जबकि, इस मामले पर हाईकोर्ट  में प्रशासन को जवाब देना ढाई माह से लंबित है। अफसर शाही किस तरह से नियमों को अपने हिसाब से चला रही है, इसे समझने की जरूरत है। सरगुजा क्षेत्र के कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के पास एक सिल्फोडा जलाशय है. जिसकी नहर ग्राम भांडी से भी गुजरती है। यहां 6 जून 2023 में तत्कालीन कांग्रेस विधायक की सह से कुछ लोगों ने रातों रात नहर की जमीन पर कब्जा कर दीवार बना दी और सामने एक मूर्ति स्थापित कर दी। 

हाईकोर्ट की दखल के बाद तहसीलदार ने लगाया था जुर्माना 

इस मामले में एक किसान ने अतिक्रमण के पहले ही जिला प्रशासन को लिखित रूप में जानकारी दी थी। लेकिन इसे दबा दिया गया। इस अतिक्रमण मामले को जल संधाधन विभाग के आवेदन पर तहसीलदार ने सुनवाई में लिया और 9 महीने लटकाए रखा। उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप से मजबूर तहसीलदार ने जून 24 में अतिक्रमण मामले में निर्माण को नहर भूमि पर पाते हुए हटाने का आदेश जारी किया और अतिक्रमण करने वालों पर 2हजार जुर्माना लगाया। लेकिन हटाने को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की गई। 

हाईकोर्ट के आदेश की हो रही अवेहलना 

इस बीच SDM बैकुंठपुर में अतिक्रमण हटाने संबंधी आदेश को रोकने की अपील हुई। जिसे किसान ने तहसीलदार के आवेदन पर कार्यवाही किए जाने को लेकर फिर से उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की। इस पर कोर्ट ने प्रशासन को कड़ी फटकार लगाते हुए 4सप्ताह में जवाब दाखिल करने के लिए आदेश जारी किया था। कोर्ट के आदेश को लगभग 3 माह हो गए हैं और जवाब दाखिल नहीं किया गया है।

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कमिश्नर ने गलत तथ्यों के आधार पर जारी किया स्थगन आदेश 

इस मामले को लटकाने के लिए सरगुजा कमिश्नर ने आवेदन पत्र लेकर गलत तथ्यों के आधार पर स्थगन आदेश जारी कर दिया है। देखने लायक बात यह भी है कि हड़बड़ी में स्थगन आदेश जारी करने में आयुक्त ने किसान को ही पार्टी बनाकर स्थगन आदेश जारी कर दिया है। वहीं अंदरखाने से बात निकल कर आई है कि, बीते दो वर्षों से जिला प्रशासन कोरिया, वोट बैंक की राजनीति में कुछ बड़े नेताओं को खुश करने के लिए जान बूझकर अतिक्रमण हटाने संबंधी कार्यवाही लंबित करने में लगा हुआ है और पूरी माइनर नहर पक्के मकानों और अन्य निर्माण से अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई है।

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