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आयुष्मान की तरह ही बीजू कार्ड में भी खेल किया जा रहा है।  निशुल्क खाना, बेहतर इलाज, फ्री वाहन सुविधा जैसे लुभावने ऑफर देकर मरीज को फांसे जा रहे। 

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कुछ अस्पतालों में ओडिशा की हेल्थ स्कीम के तहत जारी बीजू कार्ड से भी जमकर कमाई की जा रही है। यहां इस कार्ड से इलाज के लिए दर्जनभर से ज्यादा अस्पताल पंजीकृत हैं। इनमें से कुछ ने अपने एजेंट ओडिशा तक फैला रखे हैं, जो मुफ्त इलाज का झांसा देकर मरीजों को अपने वाहन से छत्तीसगढ़  के अस्पताल तक खींचकर ला रहे हैं। इस कार्ड से जमकर कमाई इसलिए भी हो रही है क्योंकि वहां इस कार्ड के माध्यम से पांच से दस लाख रुपए तक इलाज किया जा सकता है। यहां यह बताना लाजिमी है कि छत्तसीगढ़ के आयुष्मान कार्ड में गड़बड़ी का खुलासा हो चुका है और डेढ़ दर्जन से ज्यादा अस्पतालों को नोटिस जारी किया जा चुका है। कुछ का पंजीयन भी रद्द हो चुका है। 

आयुष्मान की तरह ही बीजू कार्ड में भी खेल किया जा रहा है। मंगलवार की रात न्यू राजेन्द्र नगर के एक निजी अस्पताल में मरीज की मौत के बाद उपजे विवाद के बाद यह मामला सामने आया। मृतक और उनके कुछ साथियों को बेहतर उपचार दिलाने के लिए कार में बिठाकर अस्पताल लाया गया था। सूत्रों का दावा है कि, ग्रामीण इलाकों में मरीज फाँसने कई अस्पतालों के एजेंट काम कर रहे हैं। इलाज के लिये अस्पताल तक मरीज पहुंचाने के बदले उन्हें एक निश्चित राशि कमीशन के रूप में मिल रही है। दावा यहाँ तक किया जा रहा है कि अस्पताल के एजेंटो का जाल छत्तीसगढ़ के साथ पड़ोसी राज्य ओडिशा तक फैला हुआ है। छत्तीसगढ़ में मरीजों को पचास हजार से लेकर पाँच लाख तक की सुविधा दी जा रही है। जबकि ओडिशा के बीजू स्वास्थ्य कार्ड में यह राशि पांच से दस लाख रुपए तक है। उस योजना में उपचार राशि का भुगतान भी छत्तीसगढ़ की तुलना में काफी में तेजी से किया जाता है। कम समय में ज्यादा पैसा कमाने के लिए पंजीकृत निजी अस्पताल विभिन्न तरह के पैंतरे अपना रहे हैं।

फल फूल रहे कई बड़े अस्पताल

सूत्रों का कहना है कि, राजधानी समेत राज्य के कुछ बड़े अस्पताल बीजू कार्ड के हितग्राही मरीजों के भरोसे फल फूल रहे हैं। इन अस्पताल में राज्य की स्वास्थ्य योजना के तहत आने वाले मरीजों के बजाय ओडिशा के मरीजों के उपचार में अधिक फोकस किया जाता है। राज्य के दर्जनभर से ज्यादा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल बीजू कार्ड से इलाज के लिए पंजीकृत हैं।

आईसीयू में भर्ती का खेल

स्वास्थ्य योजनाओं में सामान्य वार्ड और आईसीयू में भर्ती मरीजों के इलाज के लिये अलग अलग पैकेज निर्धारित है। ज्यादा रकम की चाह में अस्पताल प्रबंधन सामान्य मरीजों को सीरियस बताने और कभी कभी गैर जरूरी ऑपरेशन करने से भी नहीं चूकते हैं। पिछले दिनों राज्य के कुछ अस्पतालों पर इसी मामले में जुर्माना भी किया गया है।

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