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बस्तर लोकसभा में प्रथम चरण का मतदान 19 अप्रैल को होने जा रहा है। जिला प्रसाशन ने 125 मतदान केंद्रों पर महिलाओं को निर्वाचन कराने की जवाबदेही दी है। यहां पुरुषों से 50 हजार ज्यादा महिला मतदाताओं की संख्या है।

बस्तर। देश में शुक्रवार को बस्तर लोकसभा में प्रथम चरण का मतदान होने जा रहा है। चुनावी कड़ी में इस बार प्रसाशन अनूठी पहल करने जा रहा है। जहां बस्तर के 125 मतदान केंद्रों में सिर्फ महिला अधिकारी कर्मचारी तैनात किये जाएंगे।

इन मतदान केंद्रों में जगदलपुर नगर निगम के सभी 101 मतदान केंद्र, नगर पंचायत क्षेत्र में आने वाले 10 मतदान केंद्र और चित्रकोट क्षेत्र के दस मतदान केंद्र शामिल हैं। जो कि ब्लॉक मुख्यालय में स्थित है। जिला प्रशासन ने इसके लिए पूरी तैयारियां कर ली है। बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के ने इस पहल को बस्तर को लेकर नज़रिया बदलने की एक कोशिश करार दिया है।

पुरुषों से 50 हजार ज्यादा महिला मतदाताओं की संख्या 

वर्ष 1952 से यह बस्तर लोकसभा अस्तित्व में आई थी। यहां मतदाताओं की कुल संख्या 13 लाख 57 हजार 443 है। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 6 लाख 53 हजार 620 है और महिला मतदाताओं की संख्या 7 लाख 3 हजार 779 है। इन आकड़ों के लिहाज़ से बस्तर में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से 50 हजार ज़्यादा है। बस्तर लोकसभा में मौजूद अंतर का यह आकड़ा देश के किसी अन्य लोकसभा सीट में  नहीं है। वे लोकसभा सीटें जहां महिला मतदाता पुरुषों से ज़्यादा है। आकड़ों के लिहाज़ से बस्तर लोकसभा नंबर वन पर है।

125 मतदान केंद्र महिला कर्मियों के हवाले 

जिला प्रशासन ने लोकसभा चुनाव के दौरान जिन 125 मतदान केंद्रों पर महिलाओं को निर्वाचन कराने की जवाबदेही दी है। उसे लेकर कलेक्टर विजय दयाराम के ने हमारे संवाददाता को बताया कि, पूरे देश के लोकसभा क्षेत्रों को जब आप देखेंगे तो आपको यह पता लगेगा कि, मतदाताओं में पुरुषों की तुलना में सबसे ज़्यादा महिला मतदाता की संख्या बस्तर में है। ऐसे में महिलाओं को भी ये जवाबदेही मिलनी चाहिए कि, वे मतदान कराएं।

कलेक्टर बोले- लोगों को नज़रिया बदलने की जरुरत

कलेक्टर विजय दयाराम ने बस्तर को लेकर नज़रिया बदलने की बात कही है। उन्होंने कहा कि, देखिए.... बस्तर में चुनाव को देखने का नज़रिया अब लोगों को बदलना चाहिए। लोगों को लगता है कि, यहां चुनाव का मतलब हिंसा और भय का वातावरण होता है और यह सोच यह नज़रिया बदलना चाहिए। धीरे से ही सही लेकिन बस्तर सामान्य हालतों की तरफ़ बढ़ रहा है। आप जिन 125 मतदान केंद्रों की बात कर रहे हैं। उनमें यह बस्तर में चुनाव को लेकर जो नज़रिया होता है न यह उसे बदलने में मदद करेगा।

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