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ईडी ने 'महादेव ऑनलाइन बुक एप' के खिलाफ की गई कार्यवाही की जानकारी जारी की है। जिसमें 1.86 करोड़ रुपये की नकदी और 1.78 करोड़ रुपये के कीमती सामान बरामद किए हैं। साथ ही 580.78 करोड़ रुपये की आपराधिक आय की पहचान की गई है।

रायपुर। ईडी ने 'महादेव ऑनलाइन बुक' के खिलाफ कार्यवाही को लेकर भी जानकारी जारी की है। ईडी ने कहा कि, हाल ही में कोलकाता, गुरुग्राम, दिल्ली, इंदौर, मुंबई और रायपुर में महादेव ऑनलाइन बुक से जुड़े धन शोधन तंत्र (मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क) के खिलाफ व्यापक तलाशी ली है और 1.86 करोड़ रुपये की नकदी, 1.78 करोड़ रुपये के कीमती सामान बरामद किए हैं और 580.78 करोड़ रुपये की आपराधिक आय की पहचान की गई है। तलाशी के परिणामस्वरूप डिजिटल डेटा और संपत्तियों की पहचान सहित बड़ी संख्या में आपत्तिजनक साक्ष्य जब्त किए गए हैं। 

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ईडी द्वारा जारी प्रेस रिलीज 

केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 1 मार्च को राज्‍य के पांच शहरों में एक साथ दबिश दी थी। इस दौरान ईडी ने कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे जय सिंह अग्रवाल और अनिला भेड़ि‍या के करीब‍ियों सहित कुछ सरकारी अफसरों के यहां जांच की। छापे के आज चौथे दिन ईडी ने इसको लेकर एक बयान जारी किया है। ईडी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि, छापे डीएमएफ (जिला खनिज निधि) घोटाले से जुड़े छत्तीसगढ़ के 13 स्थानों पर 01 मार्च को तलाशी अभियान चलाया है। तलाशी अभियान के दौरान रुपये की नकदी मिली। 27 लाख रुपये विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज़ और डिजिटल उपकरण बरामद और जब्त किए गए हैं।

13 ठिकानों पर चलाया गया तलाशी अभियान 

ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत डीएमएफ (जिला खनिज निधि) घोटाले से जुड़े छत्तीसगढ़ में 13 स्थानों पर 1 मार्च को तलाशी अभियान चलाया है। ईडी ने राज्य सरकार के अधिकारियों और राजनीतिक अधिकारियों की मिलीभगत से डीएमएफ ठेकेदारों द्वारा सरकारी खजाने से पैसे निकालने में शामिल होने के लिए भारतीय दंड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज 3 अलग-अलग एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। यह मामला छत्तीसगढ़ में जिला खनिज निधि के धन के उपयोग में भ्रष्टाचार से जुड़ा है। डीएमएफ खननकर्ताओं द्वारा वित्त पोषित एक ट्रस्ट है जिसे छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में खनन से संबंधित परियोजनाओं और गतिविधियों से प्रभावित लोगों के लाभ के लिए काम करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है।

25-40% तक लेते थे कमीशन  

ईडी की जांच से पता चला कि, ठेकेदारों ने अधिकारियों और राजनीतिक अधिकारियों को भारी मात्रा में कमीशन का भुगतान किया है। जो अनुबंध मूल्य का 25% से 40% तक है। रिश्वत के भुगतान के लिए उपयोग की जाने वाली नकदी विक्रेताओं द्वारा आवास प्रविष्टियों का उपयोग करके उत्पन्न की गई थी। केवल जिला कोरबा को आवंटित डीएमएफ निधि इसकी स्थापना से वित्तीय वर्ष 2022-23 तक 2000 करोड़। कमीशन की प्रचलित दर के अनुसार, अकेले कोरबा में कमीशन की राशि 500-600 करोड़ रुपये होगी। 

27 लाख कैश, दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद 

उन्होंने आगे कहा कि, पूरे राज्य के डेटा का विश्लेषण और अपराध की आय की मात्रा निर्धारित करने का काम चल रहा है। तलाशी अभियान के दौरान रुपये की नकदी बरामद हुई और 27 लाख जब्त किया गया है। इसके अलावा, डिजिटल और डॉक्यूमेंट्री के रूप में कई अन्य आपत्तिजनक साक्ष्य भी बरामद और जब्त किए गए हैं। बता दें कि 1 मार्च को ईडी ने पूर्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल और अनिला भेड़‍िया के करीबियों सहित डीएमएफ से जुड़े अन्‍य संदेहियों के यहां दबिश दी थी।
 

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