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छत्तीसगढ़ में अवैध खनन को विभागीय प्रश्रय कोई नई बात नहीं है। लेकिन जब बात सरकार को करोड़ों के राजस्व के नुकसान की हो, और फिर भी जांच अधिकारी ही मामले की लीपापोती में लग जाए तो क्या कहेंगे। 

छन्नू खंडेलवाल- मांढर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगे धरसींवा के मटिया, दोदेंकला क्षेत्र में 5 एकड़ से अधिक एरिया में पत्थर का अवैध उत्खनन मामले में सिर्फ पोकलेन मशीन पर जुर्माना लगाकर मामले को रफा-दफा कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि, जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र बंजारे ने कलेक्टर रायपुर से शिकायत की थी कि, मटिया, दोदेंकला क्षेत्र में 5 एकड़ से अधिक एरिया में पत्थर का अवैध उत्तखनन किया जा रहा है। जिस पर कलेक्टर रायपुर गौरव कुमार ने तहसीलदार अमन चतुर्वेदी एवं खनिज इंस्पेक्टर श्री भार्गव को भेज कर जांच कराई गई। मौके पर पोकलेन मशीन को पकड़ा गया एवं 5 एकड़ जमीन पर अवैध उत्खनन कर करोड़ों रुपये की गिट्टी  निकाली गईं थी, उसे खनिज विभाग के सर्वेयर को भेजकर नाप- जोख कर पंचनामा बनाया गया था।

सिर्फ पोकलेन पर जुर्माना कर मामला कर दिया रफा-दफा

5 एकड़ की नाप जोख, पंचनामा करने के बावजूद भी सिर्फ पोकलेन मशीन पर जुर्माना 65, 000 लगाया गया। यह खनिज विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत की ओर इशारा करती है। जबकि मामले के जानकारों का कहना है कि, 5 एकड़ पर अवैध उत्खनन में करोड़ों की पेनाल्टी होनी चाहिए थी, तब जाकर पोकलेन मशीन को छोड़ा जाना चाहिए था। लेकिन खनिज विभाग ने ऐसा नहीं किया। सिर्फ पोकलेन मशीन पर जुर्माना लगाकर मामले को खत्म कर दिया गया। 

करोड़ों के राजस्व का नुकसान, फिर से शिकायत की तैयारी

इस संबंध में श्री बंजारे ने कलेक्टर गौरव कुमार को जल्द ही मिलकर जांच करने की मांग करेंगे। आखिर खनिज विभाग ने नियमों को ताक पर रखकर करोड़ों का अवैध उत्खनन करने वालों को पोकलेन मशीन पर जुर्माना लगाकर मामले को रफा- दफा कैसे कर दिया। कम राशि लेकर करोड़ों का राजकोषीय नुकसान पहुंचाने में संलिप्त अधिकारी को निलंबित कर आर्थिक अपराध शाखा में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने कलेक्टर से मांग करेंगे। अगर वहां भी सुनवाई नहीं हुई तो जल्द ही इस मामले को लोकायुक्त में शिकायत के साथ- साथ आर्थिक अपराध शाखा ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज कराएंगे।

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