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कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी अब तक 48000 रामायण वितरण कर चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी उनकी प्रशंसा कर चुके हैं।

दीपक मित्तल-बालोद। छत्तीसगढ़ के कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी रामायण वितरण करने में पूरे देश में अव्वल हैं। उनके इस कार्य को देखकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह उन्हें रामायणी कहने लगे हैं। यह छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है। 

सांसद मोहन मंडावी ने अब तक 48000 रामायण वितरण कर चुके हैं। आज 17 जनवरी दिन बुधवार को 3100 रामायण का वितरण गुण्डरदेही की पावन धरा पर करेंगे। वे 51000 रामायण का वितरण किए जाने वाले भारत देश के प्रथम सांसद के रूप में कहे जाएंगे। संभवत: गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी इसके लिए उनका नाम दर्ज होगा। 

रामायण वितरण करना अच्छा लगता है: मोहन 
हरिभूमि डॉट कॉम से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया  कि, उन्हें रामायण वितरण करना अच्छा लगता है। वे आदिवासी क्षेत्रों को राममय करना चाहते हैं। जहां भी श्री राम का विरोध होता है वहां पर वे रामचरितमानस का वितरण करते हैं।

बाइबल बंटती देख आया था विचार 
सांसद मोहन मंडावी ने बताया कि जब उन्होंने बाइबल बंटती देखा तो उन्हें रामायण बांटने का विचार आया। इसके बाद उन्होंने रामचरितमानस की 48 हजार प्रतियां बांट दी। अब पिछले 22 सालों से वे घर-घर रामायण पहुंचाने में जुटे हैं। सांसद मंडावी ने कहा मेरी गाड़ी में हमेशा रामचरितमानस रहती है। जो भी मांगता है उसे दे देता हूं। 

प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ भी कर चुके हैं प्रशंसा
पिछले वर्ष जगदलपुर प्रवास पर आए पीएम नरेन्द्र मोदी ने मंडावी के चौपाई युक्त भाषण को सुनकर उनकी पीठ थपथपाई थी। कांकेर दौरे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा था कि, आपके सांसद रामवरितमानस बांट रहे हैं। मानस की प्रतियां बांट लोगों में आस्था जगा रहे हैं। बता दें कि मंडावी सदन में भी हर मुद्दे और विकास कार्यों की मांग रामचरितमानस की चौपाइयों के माध्यम से करते हैं। 
मंडावी ने कहा कि, मैं जहां-जहां जाता हूं, माताओं से निवेदन करता हूं कि बेटी की शादी में एक रामचरितमानस जरूर दें। मेरा मानना है कि, जिसके घर में रामचरितमानस पहुंच गई, उसके घर में विकास होता है।

आरएसएस से जुड़े हैं मोहन
मोहन मंडावी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हुए हैं। वह प्रसिद्ध रामकथा मानस गायक भी हैं। छत्तीसगढ़ के अलावा मध्य प्रदेश और ओडिशा के कई गांवों में मोहन मंडावी की रामायण मंडली है। हर साल इन मंडलियों द्वारा गांवों में रामायण-मानस गान सम्मेलन और प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। 

जन-जन को प्रभु श्रीराम  से जोड़ने का है प्रयास

वह ग्रामीणों के आमंत्रण पर गांव पहुंचकर रामसत्ता कार्यक्रम में शामिल होते हैं। वहां पर रामचरित मानस की प्रतियों को बांटकर प्रभु श्रीराम के गुणों का अनुसरण करने का आग्रह करते हैं। इसके साथ ही ग्रामीणों को हिंदू धर्म और संस्कृति का महत्व समझाते हैं। उनका उद्देश्य समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर कर जन-जन को प्रभु श्रीराम से जोड़ना है।

रामचरित मानस बांटने में आनंद की अनुभूति: मोहन

रामचरित मानस की चौपाई जे रामेस्वर दरसनु करिहहिं।
ते तनु तजि मम लोक सिधरिहहिं।। जो गंगाजलु आनि चढ़ाइहि। सो साजुज्य मुक्ति नर पाइहि।। कहकर सांसद मंडावी ने बताया कि, उन्हें रामचरितमानस बांटने में आनंद की अनुभूति होती है। वह बताते हैं- मैं हारमोनियम और बैंजो अच्छा बजाता हूं। जहां भी मेरा कार्यक्रम होता है वहीं एक दर्जन प्रतियां रखवा देते हैं। फिर एक पर्ची निकालते हैं, जिसे माताओं को देते हैं। माताएं भी पुस्तक को अपने आंचल में ग्रहण करती हैं।

धर्मांतरण रोकने का बेहतरीन प्रयास: बीजेपी जिला अध्यक्ष
बालोद भाजपा जिला अध्यक्ष कृष्णकांत पंवार ने कहा कि, धर्मांतरण को रोकने के लिए सांसद मोहन मंडावी ने रामायण वितरण करने का जो बीड़ा उठाया है वह बहुत बेहतरीन प्रयास है। उन्होंने कहा कि, इस प्रयास से एक दिन छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरा देश राममय हो जाएगा। 

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