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प्राइवेट छात्रों को मिलने वाली यह सुविधा सत्र 2024-25 से बंद होने जा रही है। अब प्राइवेट परीक्षार्थी को भी निर्धारित अवधि तक कक्षाओं में उपस्थित होना होगा। 

रायपुर। परीक्षा के लिए आवेदन किया और सीधे केंद्र में जाकर पर्चे हल कर आए... प्राइवेट छात्रों को मिलने वाली यह सुविधा सत्र 2024-25 से बंद होने जा रही है। अब प्राइवेट परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को भी निर्धारित अवधि तक कक्षाओं में उपस्थित होना होगा। प्राइवेट परीक्षार्थियों को परीक्षा के पूर्व एक माह की कक्षाएं अटेंड करनी होगी। ये कक्षाएं उन्हीं महाविद्यालयों में संचालित की जाएंगी, जहां से छात्रों ने आवेदन किया है। प्राइवेट छात्रों को इसके आधार पर ही आंतरिक मूल्यांकन के अंक मिलेंगे। इसके अलावा यदि वे चाहें तो इंटर्नशिप भी कर सकते हैं।

हालांकि इस बिंदु को लेकर अभी पूर्ण रूप से सहमति नहीं बन सकी है। प्राइवेट छात्रों को असाइनमेंट भी दिए जाएंगे, जिसे पूरा करके उन्हें सब्मिट करना होगा। अब तक आंतरिक मूल्यांकन तथा असाइनमेंट संबंधित व्यवस्थाएं नियमित छात्रों के लिए ही लागू थी। प्राइवेट छात्रों के लिए आवेदन प्रक्रिया भी बीते सत्रों की तुलना में पहले प्रारंभ कर दी जाएगी ताकि उनके लिए कक्षाओं सहित अन्य व्यवस्थाएं की जा सकें। गौरतलब है कि इस साल से प्राइवेट छात्रों के लिए भी सेमेस्टर परीक्षा प्रणाली लागू की जाएंगी। अर्थात प्राइवेट छात्र भी साल में दो बार परीक्षाएं दिलाएंगे।

प्रायोगिक कक्षाएं ही

कई विषय ऐसे हैं, जिनमें प्रायोगिक पाठ्यक्रम भी शामिल होते हैं। प्रायोगिक पाठ्यक्रम वाले कुछ विषयों का चयन स्वाध्यायी छात्रों द्वारा किया जा सकता है। अब तक केवल प्रायोगिक विषयों के लिए ही कक्षाएं आयोजित की जाती रही हैं, जिसमें छात्रों का उपस्थित होना अनिवार्य होता था। इसके अलावा सैद्धांतिक पाठ्यक्रमों के लिए इस तरह का कोई प्रावधान नहीं था। प्राइवेट छात्र आवेदन करने के बाद सीधे निर्धारित तिथियों में परीक्षा कक्ष में पहुंचकर पर्चे हल करते थे। प्राइवेट छात्रों द्वारा सामान्यतः प्रायोगिक परीक्षाओं वाले विषयों का चुनाव कम ही किया जाता है।

घट सकती है संख्या

महंत कॉलेज के प्राचार्य डॉ. देवाशीष मुखर्जी ने बताया कि, नियमित रूप से कक्षा में उपस्थित ना हो सकने वाले छात्र ही प्राइवेट परीक्षार्थी के रूप में फॉर्म भरते हैं। अब उन्हें भी निर्धारित अवधि तक कक्षाओं में उपस्थित होना होगा। ऐसे में प्राइवेट परीक्षार्थियों की संख्या घट सकती है। 


 

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