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कलम किताब की जगह थामा हथियार और आत्मसमर्पित नक्सली कमांडर की कहानी, आखिर इस दलदल में कैसे फंसी ?

एनिश पुरी गोस्वामी/मोहला-मानपुर। अंबागढ़ चौकी जिले के पास महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में नक्सली सप्ताह के पहले दिन एक महिला नक्सली ने लाल आतंक का रास्ता छोड़ महाराष्ट्र पुलिस और सीआरपीएफ के समक्ष सरेंडर कर दिया है। अब तक महाराष्ट्र फोर्स के समक्ष 671 माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़ समाज के मुख्य धारा से जुड़ गए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, साल 2005 से महाराष्ट्र सरकार की तरफ से घोषित आत्मसमर्पण योजना के चलते हिंसा के जीवन से तंग आकर वरिष्ठ माओवादियों समेत कई नक्सल कैडरों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। साथ ही आत्मसमर्पित माओवादियों के लिए पुलिस बल की तरफ से चालाएं जाने वाले पुनर्वास योजना के कारण अबतक कुल 671 माओवादियों ने गढ़चिरौली पुलिस बल के सामने आत्मसमर्पण किया है। वहीं 27 जुलाई की देर शाम कुल 8 लाख की इनामी नक्सली रीना बोर्रा नरोटे ऊर्फ ललीता, जिसकी उम्र 36 साल है और वो गढ़चिरौली डिव्हिसी की रहने वाली है। 

कलम किताब की जगह थामा हथियार

आत्मसमर्पित नक्सली कमांडर के बारे में महाराष्ट्र नक्सल सेल ने बताया कि, रीना बोर्रा नरोटे ऊर्फ ललीता साल 2006 मे पेरमीली दलम मे भरती हुई थी। इसके बाद साल 2007 से नक्सलियों के सप्लायर टीम की सदस्य के रुप में कार्य करने की शुरुआत सिलाई, कपड़ा काटने और सिलाई मशीन चलाने का प्रशिक्षण लिया। साल 2008-2014 तक टेलरिंग टीम में सदस्य के पद पर कार्यरत थी। साल 2014 में टेलर टीम में कमांडर पद पर पदोन्नती होकर कई मुठभेड़ हत्याकांड में वह प्रत्यक्ष रूप से शामिल थी।

गरीब आदिवासी लोगों का करते हैं इस्तेमाल 

महाराष्ट्र फोर्स ने बताया कि, वरिष्ठ माओवादी नेता केवल अपने फायदे के लिए गरीब आदिवासी युवक और युवतियों का इस्तेमाल करते हैं। अगर कोई सदस्य समूह में रहते हुए शादी कर भी लेता है तो वह स्वतंत्र वैवाहिक जीवन नहीं जी सकता। हालांकि अब गढचिरौली पुलिस बल ने आक्रामक माओवादी विरोधी अभियानों के जरिए माओवादी गतिविधियों की कमर तोड़ दी है।

निर्दोष लोगों की हत्या करते हैं 

वरिष्ठ माओवादी नेता सिर्फ पुलिस मुखबिर होने के संदेह पर निर्दोष लोगों की हत्या करते हैं। इन सब के बीच मुठभेड के दौरान पुरूष माओवादी भाग जाने में सफल हो जाते हैं। जिसमें कई बार महिला नक्सली मार दी जाती है। माओवादी इस समूह में दिन-रात हथियार थामे रहते हैं। अगर किसी को कोई परेशानी या स्वास्थ्य को लेकर समस्या हुई, तो उसपर ध्यान नहीं दिया जाता है। 

माओवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई 

गढ़चिरौली के अधीक्षक नीलोत्पल ने आवाहन किया है कि, पुलिस बल, विकास कार्यों मे बाधा डालने वाले माओवादियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने के लिए सक्षम है। वहीं गढचिरौली पुलिस बल उन लोगों की मदद करेगी जो विकास के मुख्य धारा मे शामिल होने और लोकतंत्र मे सम्मान जनक जीवन जीने के लिए इच्छुक है, उन्हे गढचिरौली पुलिस बल का पूरा सहयोग मिलेगा। राह से भटके हुए माओवादी मुख्यधारा मे शामिल होकर बेहतर जीवन जी सकते हैं।

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