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कांकेर जिले में प्रशासन की लापरवाही सामने आई है। बांध में दरार आने से तीन गांवों में बसे लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ गई है। लोग परिवार के साथ सुरक्षित स्थान की ओर भाग रहे हैं।

गौरव श्रीवास्तव- कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में प्रशासन और विभाग की लापरवाही के चलते तीन गांवों में बसे लोगों की जिंदगी खतरे में आ गई है। लोग अपना जरुरी सामान, अनाज और परिवार को लेकर सुरक्षित स्थान की ओर भाग रहे हैं। बांध में दरार आ जाने की वजह से पानी तेजी से निकल रहा है। ऐसे में लोग पलायन करने को मजबूर हैं। 

मिली जानकारी के अनुसार, परलकोट क्षेत्र के पीव्ही 133 में स्थित जलाशय के बांध में दरार पड़ चुकी हैं और जलाशय से बड़ी तेजी से पानी निकल रहा हैं। जिससे अब बांध के टूटने का खतरा मंडरा रहा हैं। इस जलाशय में 3 साल पहले से दरार पड़ चुकी थी, जिसकी जानकारी ग्रामीणों द्वारा लगातार सिंचाई विभाग सहित प्रशासन को दी जा रही थी। ग्रामीणों ने जनदर्शन में भी इस खतरे को लेकर आवेदन दिया था। लेकिन हर बार रिपेयरिंग के नाम पर विभाग द्वारा बस लीपापोती ही कर दी है। जिसका खामियाजा अब ग्रामीणों को उठाना पड़ सकता हैं। 

ग्रामीणों में भय का माहौल व्याप्त 
दरसअल, पिछले कई दिनों से क्षेत्र में लगातार हो रहे बारिश के चलते जलाशय का जलस्तर बड़ गया है और बांध ढह गया। जैसे ही ग्रामीणों को इसकी जानकारी लगी तो ग्रामीणों में डर का माहौल बन गया और ग्रामीण बड़ी संख्या में बांध पर पहुंचने लगे। जिसके बाद लोग अपने घरों में रखें अनाज और ज़रुरी सामानो को ट्रैक्टर में भरकर सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगे हैं। विभाग को जानकारी लगते ही सिंचाई विभाग के एसडीओ और इंजीनियर मौके पर पहुंचे। 

डूब सकते हैं कई गांव 
फिलहाल ग्रामीण और विभाग द्वारा दरार को भरने की कोशिश की जा रही है। दरार का आकार धीरे-धीरे बढ़ रहा है ऐसे में यदि जल्द से जल्द दरार को नहीं भरा गया तो बांध कभी भी टूट सकता है। जिससे कई गांव डूब सकते हैं और किसानों के फसल और जान- माल का बहूत बड़ा नुकसान हो सकता है। यदि समय रहते ग्रामीणों की विभाग सुन लेता और दरार को भरने के लिए उच्च गुणवत्ता के साथ रिपेयरिंग करवाता तो आज कई लोगों की जिंदगी खतरे में ना होती।

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