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छत्तीसगढ़ में नई परिवहन नीति लागू किया गया है। बस, ट्रक और ऑटो ड्राइवर इस नियम का विरोध कर रहे हैं। वे हड़ताल पर जा सकते हैं, जिससे प्रदेश में तीन दिनों तक परिवहन प्रभावित रहेगी।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद से कई बदलाव देखने को मिल रहा है। नई सरकार ने पुरानी व्यवस्थाओं को बदलकर रख दिया है। कई ऐसे नियम हैं जो विष्णुदेव सरकार ने प्रदेश में लागू किया है, जिसका विरोध किया जा रहा है। इनमें से एक नीति केंद्रीय परिवहन नीति है, जिसको लेकर प्रदेश भर में विरोध देखने को मिल रहा है। इसलिए ही आज प्रदेश के सभी बस ड्राइवर हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं।  

मिली जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ के बस ड्राएवर नए परिवहन कानून का विरोध कर रहे हैं। इसके लिए वे हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं। आज दोपहर सभी बस ड्राइवर हड़ताल के संबंध में इकट्ठे होंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे। वहीं अगर ड्राइवर हड़ताल पर जाएंगे तो तीन दिनों तक बसें बंद रहेंगी।

इन जगहों पर शुरू हुई हड़ताल

प्रदेश में नई परिवहन नीति लागू होने के बाद से इसके विरोध में वाहन चालकों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। राजधानी रायपुर के अलग-अलग इलाकों में वाहन चालकों ने सड़क पर बैठकर रास्ता जाम कर दिया है। drivers on strike ट्रकों को खड़ा कर ड्राइवरों ने हाईवे जाम कर दिया

बस्तर में भी मिला समर्थन 

इधर बस्तर के कोरापुट परिवहन संघ ने भी वाहन चालकों के आंदोलन का समर्थन किया है। संघ के अध्यक्ष सुखदेव सिंह सिद्धू ने कहा कि, नया कानून कहीं से भी वाहन चालकों के लिए वाजिब नहीं है। इस कानून को वापस लेना चाहिए। 

अंबिकापुर में ड्राइवरों ने किया रास्ता जाम 
वहीं नए कानून के विरोध में अंबिकापुर में ड्राइवर हड़ताल पर हैं। गांधी चौक पर गाड़ियां खड़ी कर उन्होंने रास्ता जाम कर दिया है। इस विरोध में अब बस चालकों के साथ ऑटो और ट्रक चालक भी शामिल हो गए हैं। ये सभी चालक नए परिवहन कानून में लागू किए गए नियम को हटाने की मांग कर रहे हैं। drivers on strike ambikapurअंबिकापुर के गांधी चौक पर आंदोलनकारियों ने लगाया जाम 

ये है नई परिवहन नीति

नए परिवहन नीति के तहत दुर्घटना होने पर अगर चालक मौके से भाग जाता है तो उसे 10 साल की सजा और 5 लाख रुपए जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान लागू किया गया है। वाहन चालकों का कहना है कि, कोई भी वाहन चालक जानबूझ कर दुर्घटना नहीं करना चाहता। जब भी कोई दुर्घटना होती है तो बड़े वाहन चालक का कसूर बताया जाता है। यदि ऐसे समय पर वह घटनास्थल पर मौजूद रहता है तो भीड़ उसके साथ मारपीट करती है। उसके साथ हिंसा का डर होता है। भीड़ के गुस्से से बचने के लिए ड्राइवर को अपनी गाड़ी और सामान छोड़कर भागना ही पड़ता है। 

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