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बीजेपी दफ्तर के बाहर नौकरी से निकाले जाने की आशंका पर सरकार ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि, समायोजन और अन्य संभावनाओं के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय प्रशासनिक कमेटी बनेगी।

रायपुर। नए साल के पहले दिन ही बीजेपी दफ्तर के बाहर नौकरी से निकाले जाने की आशंका पर सहायक शिक्षकों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया था। जिसके बाद पुलिस ने बलपूर्वक शिक्षकों को हटाया। प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने शिक्षकों से बात करते हुए कहा कि, सरकार कमेटी बनाकर मांगो पर विचार करेगी। बता दें कि, बीएड डिग्रीधारी नौकरी से निकालने वाले आदेश को रद्द करने और समायोजन की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे। 

सरकार ने रखा अपना पक्ष 

इस पूरे मामले को लेकर सरकार ने पक्ष जारी किया है। जिसमें लिखा है कि, सीधी भर्ती 2023 में बी.एड. अर्हता के आधार पर चयनित सहायक शिक्षकों की नियुक्ति को हाईकोर्ट के द्वारा 02 अप्रैल को अमान्य घोषित किया गया। कोर्ट ने भर्ती परीक्षा में शामिल डी.एड. अर्हताधारियों को चयन किये जाने के आदेश जारी किया। इस निर्णय के विरूद्ध राज्य शासन द्वारा सुप्रीम में अपील दायर की गई। जिसकी पैरवी के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता केएम. नटराजन की सेवायें ली गई। जिसे  28 अगस्त को को अस्वीकार कर दिया गया। 

सरकार की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित 

इस फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई है, जो वर्तमान में लंबित है। जिसके बाद डीएड अभ्यर्थियों ने परिपालन को लेकर याचिकाकर्ताओं द्वारा शासन के अधिकारियों के विरूद्ध अवमानना याचिका क्र. 970/2024 दायर की गई है। इसके परिपेक्ष्य में विभाग द्वारा न्यायालय में डी.एड. अर्हताधारियों की संभावित चयन सूची प्रस्तुत किया गया है। न्यायालयीन आदेश से बी.एड. अर्हता के आधार पर चयनित सहायक शिक्षकों की नियुक्ति आदेश निरस्त होने के उपरांत उनके समायोजन अथवा अन्य संभावनाओं पर विचार-विमर्श के लिए मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय प्रशासनिक समिति का गठन किया जा रहा है।

बर्खास्तगी के पत्र की जानकारी मिलते ही धरने पर बैठे शिक्षक 

दरअसल, उन्हें डीपीआई की ओर से डिस्ट्रिक एजुकेशन आफिसर्स को पत्र भेजे जाने की सूचना मिली है। कहा जा रहा है कि, डीईओ कार्यालय से शिक्षकों की बर्खास्तगी का आदेश जल्द ही जारी हो सकता है। वहीं हंगामा बढ़ने की आशंकाओं को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल भी पहुंच गई है, साथ ही प्रशासनिक अफसर भी मौजूद हैं। प्रदर्शनकारी ठोस आश्वासन मिले बिना भाजपा कार्यालय से हटने को तैयार नहीं हैं। 

डीएलएड डिप्लोमाधारी अभ्यर्थियों ने खटखटाया था हाईकोर्ट का दरवाजा 

डीएलएड डिप्लोमाधारी अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इनकी नियुक्ति को तय मापदंडों के विपरीत बताते हुए उनकी जगह मेरिट के आधार पर डीएलएड डिप्लोमाधारी उम्मीदवारों को नियुक्त करने की गुहार लगाई थी। इस मामले की सुनवाई के करते हुए हाई कोर्ट ने इनकी आपत्ति को सही ठहराते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर प्राइमरी स्कूलों में बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को बाहर कर डीएलएड डिप्लोमाधारी अभ्यर्थियों को मेरिट के आधार पर सूची बनाने और नियुक्ति आदेश जारी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ऐसे पांच हजार शिक्षकों को नौकरी से बाहर करने कार्रवाई शुरू करने जा रही है।सबसे अच्छे ऑनलाइन कोर्स

बस्तर और सरगुजा के शिक्षकों पर पड़ेगा बड़ा असर 

बस्तर और सरगुजा संभाग की प्राइमरी स्कूलों में बीएड डिग्रीधारी 2900 सहायक शिक्षकों की 14 महीने में पदस्थापना आदेश शासन ने जारी किया है। ये सभी शिक्षक NCTE के गजट और शिक्षा विभाग के जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए व्यापमं की परीक्षा में अच्छे अंक पाकर नियुक्त हुए हैं। परीक्षा के बाद नियमों में बदलाव कर दिया गया। सहायक शिक्षक के लिए डीएलएड डिप्लोमाधारकों को मान्य किया गया है।

हाईकोर्ट ने दिया था यह आदेश 

प्राइमरी स्कूलों में डीएलएड डिप्लोमाधारकों को शिक्षक के पद पर नियुक्ति देने के लिए हाईकोर्ट के जस्टिस अरविंद वर्मा ने राज्य सरकार को निर्देश जारी करते हुए सात दिनों के भीतर डिप्लोमाधारकों की चयन सूची जारी करने का निर्देश दिया है। वहीं राज्य सरकार की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारियों ने बताया कि, डीएलएड डिप्लोमाधारकों की मेरिट के आधार पर सूची बनाने और जारी करने की जिम्मेदारी व्यापमं को दी गई है। व्यापमं की ओर से इस संबंध में विलंब किया जा रहा है।

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अपने आदेश में डीपीआई ने क्या लिखा

डीपीआई ने डीईओ को जारी अपने आदेश में लिखा है कि कृपया सीधी भर्ती 2023 में चयनित एवं वर्तमान में कार्यरत सहायक शिक्षकों के परिपेक्ष्य में संदर्भित पत्र क्रमांक 01 का अवलोकन करें तथा माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में बी.एड. अर्हता के आधार पर चयनित सहायक शिक्षकों को As per the court order dated 02-04-2024 erroneous appointment order का उल्लेख करते हुए सेवा समाप्ति किये जाने का नियमानुसार नोटिस जारी करें। संबंधित सहायक शिक्षक नोटिस जारी दिनांक से 07 दिवस के भीतर नियोक्ता प्राधिकारी के समक्ष अपना दावा आपत्ति प्रस्तुत कर सकेंगे। इसके साथ ही हटाये गये सहायक शिक्षकों के स्थान पर व्यापम द्वारा जारी मेरिट सूची एवं आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए डी.एड. अर्हताधारी अभ्यर्थियों की चयन प्रक्रिया प्रारंभ करें। कृपया इसे सर्वोच्च प्राथमिकता 
 

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