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सुप्रीम कोर्ट से जमानत के बाद भी निलंबित IAS रानू साहू, सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। DMF घोटाला मामले में EOW- ACB ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। एजेंसियों ने 6 दिन की रिमांड मांगी है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कोल लेवी घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित IAS रानू साहू और सौम्या चौरसिया समेत 10 आरोपियों को अंतरिम जमानत दे दी हैं। लेकिन जमानत के बाद भी IAS रानू साहू, सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। DMF घोटाला मामले में EOW- ACB ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। जिसके बाद एजेंसियों ने आरोपियों की 6 दिन की पुलिस रिमांड मांगी है। 

सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे आरोपी 

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस कोटेश्वर सिंह ने जमानत देते हुए कहा कि आरोपी अगर किसी गवाह को प्रभावित करने, सबूतों से छेड़छाड़ करने या जांच में बाधा डालने में लिप्त पाया जाता है, तो राज्य सरकार अंतरिम जमानत रद्द कराने के लिए कोर्ट में आवेदन कर सकती है। ऐसी स्थिति में अंतरिम जमानत रद्द कर दी जाएगी। इन सभी हाई प्रोफाइल आरोपियों को एंटी करप्शन ब्रांच की ओर से दाखिल मुकदमे में अंतरिम जमानत मिली है।

जमानत के निर्देशों को पालन करने के दिए निर्देश 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच में समय लगेगा, इसलिए बिना किसी जल्दबाजी के आरोपियों को अंतरिम जमानत दी जा रही है। हालांकि, यह जमानत कुछ शर्तों के साथ दी गई है। आरोपी जमानत के बाद भी उचित आचरण बनाए रखें और अदालत के निर्देशों का सख्ती से पालन करें। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह आरोपियों के आचरण की रिपोर्ट प्रस्तुत करे, ताकि मामले की जांच में ट्रांसपेरेंसी बनी रहे। यह फैसला जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने सुनाया। जस्टिस सूर्यकांत ने अपने आदेश में कहा कि अदालत किसी भी तरह की जल्दबाजी में नहीं है और न ही जांच में हस्तक्षेप करना चाहती है। अदालत की मंशा सिर्फ यह सुनिश्चित करने की है कि आरोपी जमानत की शर्तों का पालन करें और निष्पक्ष जांच में सहयोग करें।

इन 11 आरोपियों को मिली जमानत 

कोयला घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित IAS रानू साहू, सौम्या चौरसिया सहित 9 आरोपियों को जमानत दे दी है। इन सभी पर सुनियोजित ढंग से 570 करोड़ रुपए वसूली करने के आरोप लगे थे। इस मामले में ED ने पहले FIR दर्ज कर रानू साहू,सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से सौम्या चौरसिया और रानू साहू को पहले ही अंतरिम जमानत मिल चुकी थी। लेकिन EOW ने ED के प्रतिवेदन के आधार पर FIR दर्ज किया था। जिसके चलते इन सभी आरोपियों की जमानत नहीं हो पाई थी।
 

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