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Pankaj Singh Target Arvind Kejriwal: आप सरकार में दिल्ली में स्वास्थ्य सेवा की क्या स्थिति थी, इसको लेकर कैग रिपोर्ट सामने आई है, जिसके बाद अरविंद केजरीवाल चौतरफा घिर चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने भी उन पर तीखा हमला बोला है।

Pankaj Singh Target Arvind Kejriwal: स्वास्थ्य विभाग पर आई कैग रिपोर्ट के बाद केजरीवाल चौतरफा घिर चुके हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने कहा कि दिल्ली के स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में कई अनियमितताएं पाई गई हैं, जैसा कि नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की हालिया रिपोर्ट में सामने आया है। एचआईएमएस के कार्यान्वयन से यह सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक मरीज को एक विशिष्ट पहचान संख्या प्राप्त होगा, जिससे उनका मेडिकल रिकॉर्ड दर्ज होगा, जिससे भविष्य में मरीज का पुराना रिकॉर्ड डिजिटल फॉर्म में उपलब्ध होगा।

महामारी के दौरान शीश महल में व्यस्त थे केजरीवाल

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार, स्वास्थ्य देखभाल संसाधनों के कुप्रबंधन और कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार के फंड का उपयोग करने में विफलता के लिए पूर्व सरकार की कड़ी आलोचना की। पिछली सरकार ने दिल्ली के स्वास्थ्य व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया, जबकि दिल्ली के लोग कोरोना महामारी से पीड़ित थे। जब लोग महामारी के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए संघर्ष कर रहे थे, तो वे अपना शीशमहल बनाने में व्यस्त थे। आप की असंवेदनशील नीतियों के कारण ऐसा संकट पैदा हुआ कि अस्पताल भी महामारी के दौरान निष्क्रिय हो गए।

ब्लैक लिस्टेड कंपनियों से खरीदी दवाइयां

पंकज सिंह ने आगे कहा कि पिछली सरकार की नाकामियों कि वजह से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग वर्तमान में आवश्यकता से 21 प्रतिशत कम स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ काम कर रहा है। कोरोना संकट के दौरान, दिल्ली सरकार के अस्पतालों में वेंटिलेटर सहित आवश्यक जीवन-सहायता सेवाओं का अभाव था। पिछली सरकार की गलत नीतियों के कारण पूर्वांचल क्षेत्र के लोगों को दिल्ली छोड़ने पर विवश होना पड़ा। इसके अतिरिक्त, दवाओं की खरीद और वितरण में गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। हीमोफीलिया और रेबीज सहित कई  महत्वपूर्ण टीके अनुपलब्ध थे, और दवाएं ब्लैकलिस्टेड कंपनियों से खरीदी गई थीं।

अस्पतालों की हालत बद से बदतर कर दी

उन्होंने कहा कि आवश्यक दवाओं के लिए 86 अनुबंधों में से केवल 24 को पिछली सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया था। केंद्र सरकार के फंड में 787 करोड़ रुपए का उपयोग नहीं किया। साल 2016 से 2022 तक दिल्ली के चार बड़े अस्पतालों लोकनायक जयप्रकाश नारायण, राजीव गांधी कैंसर संस्थान, चाचा नेहरू अस्पताल और जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के हालात बद से बदतर हो गए थे।

दिल्ली सरकार के अस्पताल में मातृ शिशु स्वास्थ्य देखभाल के लिए भी कोई ठोस उपाय नहीं किया गया और गर्भवती महिलाओं के आहार की भी उचित व्यवस्था नहीं की गई थी। केजरीवाल सरकार ने साल 2016- 2017 के दौरान 10 हजार बेड उपलब्ध कराने का जो वादा किया था उसमें से हज़ार के करीब ही बेड ही साल 2021 तक उपलब्ध हो पाए। पिछली सरकार एकीकृत स्वास्थ्य समितियों के विकास के लिए आवंटित धन का उपयोग करने में विफल रही।

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