रायपुर। बिहार, रोहतास के रेडलाइट एरिया से रेस्क्यू की गई 41 लड़कियों में चार नाबालिग रायपुर की रहने वाली हैं और चारों सगी बहनें हैं इस बात का खुलासा पुलिस जांच में हुआ है। पूछताछ में लड़कियों ने बताया कि उनके पिता ने उन्हें बिहार के एक दलाल नटवरलाल के पास 50 हजार रुपए में चार वर्ष पूर्व बेच दिया था। लड़कियों के बयान सामने आने के बाद पुलिस नाबालिग बहनों के पिता के साथ दलाल की खोजबीन में जुट गई है। रोहतास पुलिस ने एक पखवाड़े पूर्व दबिश देकर छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों की 41 नाबालिग लड़कियों का रेस्क्यू किया था। इन लड़कियों को दलाल नाच-गाना कराने के एवज में हर महीने मोटी रकम का लालच देकर अपने साथ ले गए और उन्हें देह व्यापार में धकेल दिया था।
लड़कियों का रेस्क्यू किए जाने के बाद एसएसपी तथा कलेक्टर के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास के साथ पुलिस की टीम लड़कियों को लेने के लिए रोहतास रवाना हुई और 13 मार्च को सभी को रायपुर लाया गया। मामला नाबालिग लड़कियों से जुड़े होने की वजह से केस काफी ज्यादा संवेदनशील हो गया है। इसलिए पुलिस की टीम मामले की पड़ताल करने में काफी ज्यादा सतर्कता बरत रही है। रेस्क्यू की गई लड़कियों की लगातार रेस्क्यू की गई लड़कियों की लगातार काउंसिलिंग की जा रही है। पुलिस जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है कि और ऐसी कितनी नाबालिग लड़कियों को मानव तस्कर अपने साथ ले जा चुके हैं।
पत्नी की मौत के बाद बेटियों को बेचा
पूछताछ में लड़कियों ने रेस्क्यू टीम को बताया है कि, चार वर्ष पूर्व उनकी मां की मौत हो गई थी। इसके बाद पिता ने हम पर ध्यान देना बंद कर दिया। लड़कियां अपने पिता के साथ रोड किनारे रहती थीं। सभी कचरा बीन कर अपनी रोजी-रोटी चलाते थे। इसी दौरान लड़कियों का पिता नटवरलाल के संपर्क में आया। नटवरलाल उनके पिता को मोटी कमाई का झांसा देकर चारों बेटियों को अपने साथ नाचा पार्टी में शामिल करने के बहाने बिहार ले गया। इसके एवज में नटवरलाल ने चारों बहनों के पिता को 50 हजार रुपए दिए।
दूसरे के साथ सोने के लिए कहा, तब पता चला
रायपुर की जिन चार लड़कियों का पुलिस ने रेस्क्यू किया है, उनमें एक की उम्र 17 वर्ष है। 17 वर्षीय नाबालिग ने रेस्क्यू टीम को बताया कि नटवरलाल ने उन्हें अपने साथ ले जाने के छह माह बाद उसे एक आदमी के पास जाने के लिए बोला। लड़की ने इंकार किया तो नटवरलाल ने उसके साथ मारपीट करते हुए लड़की को उसके बाप से खरीदकर लाने की जानकारी दी। तब चारों बहनों को अपने बेचे जाने की जानकारी मिली।
अकेले आने-जाने पर रोक
लड़कियों ने रेस्क्यू टीम को बताया कि, उन्हें एक छोटे कमरे में जानवरों की तरह ठूंस-ठूंस कर रखते थे। साथ ही अकेले बाहर आने-जाने पर रोक थी। लड़कियां कहीं जाती थीं, उनके साथ नटवलाल का एक आदमी जाता था। जिन लड़कियों का फेस ठीक नहीं होता था। उन लड़कियों को रेस्टोरेंट या अन्य जगहों पर काम पर लगा दिया जाता था।