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सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने ये नए नियम बनाए हैं उन पर दावा-आपत्ति ली जाएगी। 15 दिनों में दावा आपत्तियों का निराकरण करने के बाद नए नियम लागू कर दिए जाएंगे।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब जल्द ही राजस्व प्रकरणों में आधुनिक पद्धति से प्रक्रिया चलने वाली है। दरअसल सरकार राज्य न्यायालयों की कार्यपद्धति के नए नियम लाने जा रही है। इसके लागू होने के बाद अब राजस्व न्यायालयों से संबंधित सूचनाएं ईमेल, एसएमएस और वाट्सएप से भेजी जाएंगी। एक पेशी के बाद दूसरी पेशी 21 दिनों के अंदर होगी और प्रकरणों का फैसला 6 महीने के अंदर हो जाएगा। सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने ये नए नियम बनाए हैं और उन पर दावा-आपत्ति ली जाएगी। 15 दिनों में दावा आपत्तियों का निराकरण करने के बाद नए नियम लागू कर दिए जाएंगे।

अब पेशी 21 दिनों के अंदर होगी

किसी भी मामले में एक सुनवाई के बाद पेशी की अगली तिथि 21 दिनों से अधिक अवधि की नहीं होगी। प्रत्येक सूचना की तामीली संबंधित तहसील के भृत्य, पटेल या कोटवार के माध्यम से पक्षकार को देकर सूचना की तामीली होगी। पक्षकार उपलब्ध न हो तो उसके घर में सूचना चस्पा की जाएगी। इस काम के समय गवाह भी होगा।

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ईमेल-एसएमस से भी सूचना

खास बात ये है कि,  इस नई पद्धति में यह प्रावधान किया गया है कि पक्षकार द्वारा उपलब्ध कराए गए पक्षकारों के शासकीय दस्तावेज में उपलब्ध डिजीटल संपर्क माध्यम ईमेल, या एसएमएस पर सूचना पीठासीन अधिकारी के कार्यालय से भेजी जाएगी और सूचना भेजे जाने के बाद इसकी डिजीटल पावती की प्रति तामीली रिपोर्ट के रूप में मान्य कर प्रकरण में अपलोड की जा सकेगी।

नए नियमों में हैं ये प्रावधान

राजस्व न्यायालयों को लोकसेवा केंद्रों एवं नागरिक पोर्टल के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक, डिजीटल फार्म में आवेदन प्रस्तुत किए जा सकेंगे। जो संबंधित पीठासीन अधिकारी की आईडी में पोर्टल पर दिखेंगे। ऐसे आवेदन मिलने के बाद पीठासीन अधिकारी पहली सुनवाई की तारीख तय करेंगे। आवेदन संबंधित पीठासीन अधिकारी को या उनकी अनुपस्थिति में न्यायालय के वाचक (रीडर) को व्यक्तिशः या डा के माध्यम से भी दिए जा सकेंगे। आवेदन मिलने के बाद रीडर की जिम्मेदारी होगी की वह 24 घंटे के अंदर इस ई-कोर्ट प्रबंधन प्रणाली में दर्ज करेंगे। जहां तक संभव हो सके आवेदन मिलने के पहले ही दिन प्राथमिक सुनवाई की जाएगी।

इसलिए बना रहे हैं नए नियम

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार यह बदलाव इसलिए किया जा रहा है कि राजस्व न्यायालयों में अब ई कोर्ट प्रबंधन प्रणाली लागू की जा रही है। यह एक नई प्रणाली है। इसके साथ ही वजह ये भी कि राज्य में राजस्व से संबंधित लंबित मामलों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। सबसे बड़ी समस्या ये भी है कि इन मामलों में सूचना की तामीली देरी से होने के कारण सुनवाई की प्रक्रिया में देरी होती है। इन समस्याओं का अब निराकरण हो सकेगा।

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