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ग्रामीणों का आरोप है कि, 2 से 3 महीने हो गए, उन्हें अब तक चावल नहीं दिया गया है। कभी राशन दुकान बंद रहती है, तो कभी राशन दुकान में चावल नहीं मिलता है।

आकाश सिंह पवार/पेंड्रा- छत्तीसगढ़ के पेंड्रा में राशन दुकान में राशन न मिलने का मामला सामने आ रहा है। कहीं राशन दुकान में राशन स्टॉक खत्म हो गया है। तो कहीं दुकान संचालक द्वारा राशन गबन करने का कारण बताया जा रहा है। इसी बीच चप्पलों के टूटने तक राशन लेने की पेशी करना और घर का सामान बेचकर राशन खरीदना, ऐसा ही एक मामला मरवाही विकासखंड के नाका ग्राम पंचायत का है जो चारों ओर जंगलों से घिरा हुआ है। 

चार-पांच किलोमीटर से आते हैं ग्रामीण 

बता दें, जंगलों में रहने वाले धनवार समुदाय के लोग ग्राम मुख्यालय से लगभग चार-पांच किलोमीटर की दूरी पर रहते हैं। ऐसे ही इस गांव का क्षेत्रफल लगभग 15 किलोमीटर का है, जहां एक ही राशन दुकान में इतनी दूर से लोग आते हैं। वहीं इतनी दूर आने के बाद भी इन्हें राशन नहीं मिल पाता है। 

2 से 3 महीने से नहीं मिला राशन 

ग्रामीणों का आरोप है कि, 2 से 3 महीने हो गए, उन्हें अब तक चावल नहीं दिया गया है। कभी राशन दुकान बंद रहती है, तो कभी राशन दुकान में चावल नहीं मिलता है। राशन दुकान को कभी भी खोल दिया जाता है। जानकारी नहीं मिलने पर दिकक्तों का सामना करना पड़ता है। वहीं हितग्राहियों का कहना है कि, कुछ के राशन कार्ड में राशन चढ़ा दिया गया। लेकिन राशन नहीं दिया गया है। कुछ को तो राशन कार्ड की kyc न होने की वजह से राशन कार्ड बंद बता दिया गया है।  

घर का सामान बेचकर राशन लाते हैं

बुजुर्ग महिलाओं ने बताया कि, हम बिना चावल के तीन महीने से गुजारा कर रहे हैं। कभी कोदो कुटकी खाते हैं, तो कभी घर का सामान बेचकर राशन लाते हैं। पिछले 6 दिनों से चावल के लिए भटक रहे हैं। चप्पल भी टूट गया अब खाली पैर आना पड़ता है। 

दुकान संचालन को हटाने की मांग 

भीषण गर्मी के बीच कई किलोमीटर पहाड़ों पर चलकर ग्रामीण चावल और अन्य राशन लेने लोग आते हैं और पिछले कई महीनों से खाली हाथ वापस चले जाते हैं। ऐसे में ग्रामीण लगातार राशन दुकान संचालन करने वाले समूह को हटाने की मांग कर रहे हैं। ताकि इन्हें इनके हिस्से का राशन सही समय पर मिल सके।

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