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बालोद में हाइवा वाहन ने दो स्कूली छात्रों को टक्कर मार दी। जिसकी चपेट में आने से मौके पर ही एक छात्र की मौत हो गई वहीं दूसरा गंभीर रूप से घायल है। 

राहुल भूतड़ा- बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में दो स्कूली छात्र हाइवा वाहन की चपेट में आ गए। इस दौरान एक छात्र की मौके पर ही मौत हो गई है। वहीं एक गंभीर रूप से घायल हो गया है। 10 वीं कक्षा के छात्र 16 वर्षीय उज्ज्वल साहू की मौके पर मौत हो गई। वहीं 6वीं कक्षा का छात्र खेमेन्द्र कतलाम की हालत नाजुक बताई जा रही है। दोनों छात्र स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पड़ते हैं। वहीं घटना के बाद से मौके से हाइवा चालक फरार हो गया है। घटना  सनौद थाना क्षेत्र की है। 

आश्रम में छात्र की मौत 

वहीं अदिवासी विकास विभाग के कोयाबेकूर में संचालित बालक आश्रम में पहली कक्षा के छात्र की बीमारी से मौत हो गई। बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात को मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में 7 साल के माड़वी दुला ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सिर दर्द की शिकायत के बाद 1 दिसंबर की रात को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां बिगड़ती तबीयत को देखते हुए चिकित्सकों ने जगदलपुर रेफर कर दिया। यहां इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई।  सूत्रों के अनुसार बच्चे की तबीयत कुछ दिनों से खराब थी। समय पर इलाज नहीं मिलने से तबीयत ज्यादा बिगड़ गई।

आश्रम के 3 और बच्चे बीमार, जिला अस्पताल में इलाज जारी 

कोयाबेकूर आश्रम में अध्ययनरत तीन और बच्चे बीमार हैं। जिनका इलाज सुकमा जिला अस्पताल में जारी है। पहली कक्षा का माड़वी नागेश, माड़वी अरुण और एमला नंदा सप्ताह भर से बीमार हैं। लगातार छात्रों की बिगड़ती तबीयत को देखते हुए अधीक्षक ने अस्पताल में भर्ती कराया है। इधर आश्रम के छात्र की मौत के बाद 13 बच्चों ने आश्रम छोड़ दिया है। परिजन बच्चों को घर ले गए हैं। मृतक छात्र केरलापेंदा गांव का था। उसी गांव से कोयाबेकूर आश्रम में 17 बच्चे पढ़ रहे हैं। 

बीमारी की पुष्टि नहीं हुई 

आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त शरतचंद्र शुक्ला ने बताया कि,  छात्र की तबीयत खराब होने पर आश्रम अधीक्षक ने करीबी स्वास्थ्य केन्द्र केरलापाल में एडमिट कराया था। जांच के दौरान किसी तरह की बीमारी की पुष्टि नहीं हुई। दो दिन पहले चिरायु द्वारा भी आश्रम के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया था इसमें भी माड़वी दुला की रिपोर्ट नेगेटिव आया था। अचानक 1 दिसंबर को बच्चे की तबियत बिगड़ गई। जिसे जिला अस्पताल में इलाज करने के बाद बिगड़ती स्थिति को देखते हुए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया।

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