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विधानसभा थाना क्षेत्र के ग्राम टेकारी बेरियर में 3 दिन में लूट की यह दूसरी घटना है। बताया जा रहा है कि, क्षेत्र में बिना नंबर वाली बाइक में युवक घूमते रहते हैं।

छन्नू खंडेलवाल-मांढर। इन दिनों विधानसभा थाना क्षेत्र में मोबाइल चोर गिरोह सक्रिय है। बाजार से लेकर गांव की सड़कों पर पैदल चल रहे गिरोह लोगों को निशाना बना रहे हैं। बता दें की ग्राम टेकारी में पिछले तीन दिनों से हो रही मोबाइल चोरी की घटनाओं से लोगों में दहशत है। लेकिन चोर का अब तक पता नहीं चल पाया है। इससे ग्रामीणों में पुलिस प्रशासन के प्रति आक्रोश देखा जा रहा है।     

घटना शुक्रवार की बीती शाम 7:30 बजे के आसपास की है। बाइक सवार ने रास्ता पूछने के बहाने छात्रा को रुकवाया फिर हाथ में रख मोबाइल को छीनकर फरार हो गए। खबर सुनकर मोहल्ले में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि छात्रा के स्कूल में शनिवार को वार्षिक उत्सव कार्यक्रम रखा गया था। फैंसी सामान खरीदने के लिए कोलंबिया कॉलेज के ठीक सामने पैदल घर से चलकर श्री राम फैंसी स्टोर में पहुंचे थे। खरीदी कर वापस घर लौटते समय बाइक सवार ने छात्रा को रोक कर पूछने लगा कि उरकुरा जाने वाला रास्ता कौन सा है‌। छात्रा ने बेहिचक होकर बताएं कि यही रास्ता दलदल सिवनी होते हुए निकलता है। जब छात्रा घर के तरफ आगे बढ़ी तो बदमाशों ने मोटरसाइकिल अड़ाकर छात्रा के हाथ में रखें मोबाइल को छीन कर फरार हो गए।

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घटना से क्षेत्र में हड़कंप

जानकारी लगते ही पूरे मोहल्ले में हड़कंप मच गया। विधानसभा थाने में छात्रा के पिता ने शनिवार को पुलिस के सामने  घटना की आपबीती बताई। इसके ठीक 3 दिन पहले इसी रास्ते पर कोलंबिया कॉलेज के हॉस्टल के छात्रा‌ के साथ घटना हुई थी। बताया जा रहा है कि स्प्लेंडर प्लस बाइक में दो‌‌ युवक सवार थे, दोनों के चेहरे रुमाल से ढके हुए थे। उसके बाद भी विधानसभा पुलिस हाथ में हाथ धरे बैठे हुए है। 

बिना नंबर वाली बाइक सड़कों पर घूम रहे 

ग्रामीणों को कहना है कि, विधानसभा के अंदरूनी इलाके में आए दिन बाहरी युवक बिना नंबर के बाइक को सड़कों पर तेज रफ्तार से बाइक को दौड़ते रहते है। चेहरे पर स्पार्क बंधा रहता है। इसीलिए पहचान नहीं हो पाती है। तो दूसरी तरफ 112 की पेट्रोलिंग पार्टी पुलिस गश्त नहीं करते हैं। इसी के चलते चोरों को हौसला बुलंद हो गया है। आए दिन चोरी की घटनाओं को बड़ी चालाकी से अंजाम दे रहे हैं।

पुलिस नहीं करती एफआईआर 

चोरी की इन वारदातों के बाद पीड़ित जब थाना पहुंचता है। तो पुलिस इनकी एफआईआर नहीं करती है। बल्कि आवेदक को कहलवा दिया जाता है। कि वहां फोटोकॉपी दुकान से छपा हुआ फॉर्मेट ले आए। जिसमें मोबाइल गुमने का उल्लेख होता है। पुलिस सारे मोबाइलों को गुम बताते हुए आवेदन ले लेती है।

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