देवराज दीपक- सारंगढ़। छत्तीसगढ़ के सारंगढ़  जिले के बरमकेला क्षेत्र मे वन्य प्राणियों के शिकार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। जहां पूर्व में बाघ का शिकार किया गया था और अब तेंदुए का शिकार किया गया है। ऐसे में वन विभाग की बड़ी लापरवाही मानी जा रही है। 12 जनवरी को तेंदुए का शिकार किया गया था। 12 दिन तक यह मामला रहस्यमय था, लेकिन अब वन विभाग ने बड़ा खुलासा किया है। जिससे तेंदुए की मौत जैसे ही उजागर हुआ तो विभाग के उच्च अधिकारी ने पैंकिन बीट के बीटगार्ड मनमोहन बरिहा को निलंबित कर दिया गया। लेकिन विभाग के दूसरे जिम्मेदार अधिकारियों को बचाते हुए उन पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। जबकि, लेंध्रा सर्किल, झिंकीपाली, सर्किल सहित अन्य सर्किलों के बीटगार्ड और डिप्टी रेंजर मुख्यालय में रहते ही नहीं है। तेंदुए की मौत होने के बाद सिर्फ एक बीटगार्ड पर कार्रवाई कर देना नाकामी माना जा रहा है। 

मृत तेंदुआ 

तेंदुए की मौत को लेकर वन विभाग के द्वारा शिकारियों के करतूत न बताकर सामान्य और प्राकृतिक मौत बताया जा रहा था। तेंदुए की अंगों की फारेंसिक जांच के लिए भेजने की बात कही गई थी। लेकिन इस रहस्य से अब पर्दा उठने लगा है और तेंदुए की मौत ग्रामीणों के बिछाए गए करंट प्रवाहित तार की चपेट में आने से हुई थी। क्योंकि तेंदुए की मौत मामले में दो ग्रामीणों की गिरफ्तारी भी हुई है। एक सप्ताह पहले वन परिक्षेत्र बरमकेला के लेंध्रा सामान्य सर्किल के तहत पैंकिन जंगल में तेंदुए की संदिग्ध मौत हो गई थी। तेंदुए की मौत को लेकर वन विभाग के अधिकारी सामान्य व प्राकृतिक मौत बताकर पर्दा डालने में लगे थे। लेकर अब उसी मामले में दो ग्रामीणों को तेंदुए की शिकार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ऐसे में तेंदुए की मौत की सच्चाई सामने आने लगी है और वन विभाग की दावे की पोल खुलने लगा है। 

12 जनवरी को किया गया था शिकार 

गौरतलब है कि, बीते 12 जनवरी को लेंध्रा सामान्य सर्किल के पैंकिन जंगल कक्ष क्र. 1101 में एक तेंदुए की लाश मिली था। घटना के 5 दिन बाद मामला उजागर हुआ तो वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुए की मौत की सच्चाई को छुपाया गया। बल्कि तेंदुए की मौत बिजली करंट से न होकर इसे प्राकृतिक मौत बताने लगे रहे. तेंदुए की अंगों का सैम्पल लेकर फारेंसिक जांच हेतु देहरादून लैब में भेजने की बात कही थी। अब उसी तेंदुए की मौत का जिम्मेदार मानकर दो ग्रामीणों को गिरफ्तार किया गया है। 

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तार बिछाकर किया था शिकार 

इसमें से एक ग्रामीण ग्राम धनीगांव निवासी को बुधवार की शाम उसे गांव से उठाकर लाया गया है। वहीं एक अन्य को गुरुवार दोपहर में उनके निवास से लाकर पूछताछ किया जा रहा है और नामों का खुलासा शुक्रवार को करने की बात कही जा रही थी। ऐसे में तेंदुए की मौत मामले को पहले छुपाया गया और फिर से उसी मामले में बिजली तार बिछाकर जंगली जानवरों के शिकार करने के आरोप में कार्रवाई की गई है। इस मामले में अन्य ग्रामीणों की गिरफ्तारी की संभावना है। फिलहाल वन विभाग की सारे दावे की हवा निकल रही है और खुद की लापरवाही को लीपापोती करने में लगे हैं।