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रायगढ़ जिले से मंदिर दर्शन करने गए लोगों की तलाश जारी है। शनिवार को सुबह 6 बजे से रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है। अब तक गोताखोरों और स्कूबा डाइवर्स की टीम ने 6 और शव बरामद किये हैं।

अमित गुप्ता-रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले से मंदिर दर्शन करने गए लोगों की तलाश जारी है। शनिवार को सुबह 6 बजे से रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है। जहां गोताखोरों के साथ भुवनेश्वर से पहुंचे स्कूबा डाइवर्स की टीम ने सुबह 8.20 के करीब एक बच्चे पीकू राठिया उम्र 7 वर्ष का शव बरामद किया है। 

गोताखोरों ने दो और शव निकाले हैं, जिनमें एक महिला राधिका राठिया और एक बच्चे नवीन राठिया का भी शव शामिल है। जिससे सुबह से अब तक निकाले गए शवों की संख्या तीन हो गई है। वहीं एक महिला तेरसबाई राठिया, जो ग्राम अंजोरीपाली की हैं, उनके शव के और 4 शव निकाले गए हैं। साथ ही लक्ष्मीन राठिया और बालक कुणाल राठिया का भी शव मिला है। आज सुबह से अब तक 6 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं, सभी लोग ग्राम अंजोरीपाली और खरसिया के बताये जा रहे हैं। 

पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने की 10 लाख रुपये मुआवजे की मांग 

ओडिशा के सारधा डेम हादसे को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। नाव में डूबने से मौत के मामले को लेकर पूर्व मंत्री उमेश पटेल बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, 10-20 लोगों के बैठने वाली नाव में 50 लोग क्यों बिठाये गए। आरबीसी 6, 4 के तहत मिलने वाला चार लाख का मुआवजा नाकाफी है। मृतक के परिजनों को दस लाख और घायलों को दो लाख रुपये मुआवजे की मांग की है। नाव परिचालन के दौरान सुरक्षा नियमों की अनदेखी हुई है। साथ ही उन्होंने उड़ीसा सरकार से घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की। 

सभी मृतक रायगढ़ जिले के रहने वाले 

उल्लेखनीय है कि, झारसुगुड़ा जिले के रेंगाली थाना अंतर्गत सरधा डेम में पिकनिक मनाने के लिए करीब 50 लोगों का एक समूह नाव से पत्थरसेनी मंदिर गया था। इसी बीच नाव नदी में डूब गई। इस नाव में करीब 20 से 25 लोग कोतरलिया के थे। बताया जा रहा है कि, यह घटना शाम करीब 4 बजे घटित हुई थी। सूचना मिलने के बाद झारसुगुड़ा एसपी, रेंगाली थाना प्रभारी सहित एक दर्जन से अधिक रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची है। हादसे में चार की मौत की सूचना है। हालांकि देर शाम तक एक की डेड बॉडी मिली थी और सात-आठ लोगों की तलाश की जा रही है। सभी मृतक रायगढ़ जिले के बताए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार रायगढ़ जिले के कोतरलिया निवासी गंगाराम लोहर के यहां खरसिया से 50 लोग पहुंचे थे, जहां से सभी एक साथ ओडिशा के पंचगांव स्थित पत्थरसेनी मंदिर दर्शन करने के लिए निकले। वहां पहुंचने के बाद नाव में घूमने के दौरान बीच नदी में नाव पलट गई और उसमें सवार 70 लोग महानदी में समा गाए। 

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एक दर्जन लोग अभी भी लापता 

अफरा तफरी के माहौल के बीच समाचार लिखे जाने तक 4 शव बरामद किए जा चुके है, वहीं एक दर्जन लोग अभी भी लापता हैं। शेष लोगों को बचा लिया गया है। सूचना मिलने के बाद रायगढ़ पुलिस भी गोताखोरों की टीम के साथ घटना स्थल पर पहुंच कर ओडिशा पुलिस के साथ मिल कर रेस्क्यू आपरेशन में जुट गई है। ओडिशा के पत्रकारों ने बताया कि इस मंदिर में कोई मन्ळात पूरी होने पर बकरा देने की परंपरा है। रायगढ़ से भी लोग बकरा देने आये थे। बलि देकर वापस लौटते समय नाव पलट गई और हादसा हो गया।

लापरवाही पर आक्रोश

स्थानीय जानकारों की मानें तो इससे पहले भी इस तरह की एक घटना हुई थी, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। ऐसे में इस घटना के बाद शासन ने नाव में लाइफ जैकेट सहित अन्य सुरक्षा उपकरण अनिवार्य कर दिया था, इसके बाद लापरवाही बरती गई। जिसके कारण अब घटना स्थल पर काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है। 

सवारी ले जाने की अनुमति नहीं

स्थानीय लोगों के अनुसार जिस नाव पर वे लोग सवार थे, उन्हें नदी पार कराने या दर्शन कराने लेकर जाने की अनुमति न तो ग्राम पंचायत की ओर से दी गई थी और न ही जनपद पंचायत या किसी प्रशासनिक संस्था की ओर से। ऐसी स्थिति में यह भी एक बड़ी लापरवाही के रूप में सामने आ रहा है।

मछली पकड़ने वाली नाव पर थे सवार

समाचार लिखे जाने तक इस दुर्घटना में 4 लोगों की मौत होने की बात सामने आ रही है। झारसुगुड़ा पुलिस के अनुसार यहां सरधा महानदी डेम के तट पर स्थित पत्थरसेनी देवी मंदिर में डूबे नाव से करीब 40 लोगों को नदी से निकाल लिया गया है। हालांकि अब तक कई लोगों के लापता होने की बात सामने आ रही है। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक वे लोग जिस नाव से मंदिर दर्शन करने के लिए जा रहे थे, वह मछली पकड़ने वाली सामान्य नाव थी। जिसमें लाइफ जैकेट सहित अन्य जीवन रक्षक उपकरण का अभाव था। वहीं एक नाव में क्षमता से अधिक लोगों को बैठाया गया था।
 

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