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बिलाईगढ़ में कोदवा के सरपंच दिव्या रत्नाकर अपने पति लहाराम रत्नाकर के साथ एसडीएम कार्यालय के सामने आमरण अनशन पर बैठ गई है। उन्होंने एसडीएम के ऊपर 5 लाख रुपए मांगने का आरोप लगाया है।

करन साहू- बिलाईगढ़। छत्तीसगढ़ के बिलाईगढ़ में कोदवा के सरपंच दिव्या रत्नाकर अपने पति लहाराम रत्नाकर के साथ एसडीएम कार्यालय के सामने आमरण अनशन पर बैठ गई है। सरपंच का कहना है कि, एसडीएम के द्वारा तालाब के किनारे पेड़ को कटने का आरोप लगाकर उनको पद से निलंबित कर दिया गया। जिसके बाद बिलासपुर कमिश्नर के पास अपील कर सरपंच ने स्टे ऑर्डर ले लिया है। लेकिन एसडीएम स्निग्धा तिवारी के द्वारा कमिश्नर के आदेश का पालन नही किया जा रहा है। जिससे छुब्ध होकर उन्हें आमरण अनशन पर बैठना पड़ा। 

एसडीएम के ऊपर 5 लाख रुपए मांगने का आरोप लगाया 

ग्राम पंचायत कोदवा के सरपंच दिव्या और सरपंच पति लहाराम रत्नाकर ने बिलाईगढ़ एसडीएम पर बड़ा आरोप लगाया है। सरपंच ने कहा कि, बिलाईगढ़ में पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व स्निग्धा तिवारी के द्वारा उन्हे स्टे देने के लिए 5 लाख रुपए घूस की मांग की जा रही है। जिसे नहीं देने पर गंभीर परिणाम भुगतने के धमकी दी गई थी। आखिरकार हम अभी गंभीर परिणाम भुगत रहे हैं। 

कमिश्नर ने दिया निलंबन पर स्टे

सरपंच दिव्या रत्नाकर ने कहा कि, जब एसडीएम के द्वारा उन्हें निलंबित किया गया। तब उनके द्वारा बिलासपुर पहुंचकर अपर आयुक्त के न्यायालय में अपील किया गया था। जिस पर अपर आयुक्त ने उन्हें निलंबन पर स्टे दे दिया है। लेकिन बिलाईगढ़ एसडीएम स्निग्धा तिवारी के द्वारा राजनीतिक दबाव के चलते अपर आयुक्त के स्टे का पालन नहीं किया जा रहा है। कुल मिलाकर अपर आयुक्त के आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है। 

जब तक मांग पूरी नहीं होगी, तब तक जारी रहेगा अनशन

सरपंच पति लहाराम रत्नाकर ने कहा कि मैं अपने पत्नी सरपंच दिव्या रत्नाकर के साथ अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठा हूं। जब तक हमारी मांग पूरा नहीं होगा और हमें परेशान करने वाले एसडीएम स्निग्धा तिवारी पर भी कार्रवाई नहीं होगा तब तक हम दोनों आमरण अनशन पर बैठे रहेंगे चाहे हमारी जान क्यों ना चली जाए। अब देखने वाली बात होगी कि आमरण अनशन पर बैठे सरपंच और उनके पति की मांग कब तक पूरी होती है।

एसडीएम ने कहा सभी आरोप निराधार

इस पूरे मामले में बिलाईगढ़ एसडीएम स्निग्धा तिवारी ने कहा कि मेरे ऊपर जो भी आरोप लगे हैं वह पूरी तरह से निराधार हैं। मैं उक्त महिला सरपंच से एक बार उनके गांव में ग्रामीणों के बीच ही मुलाकात की हु तो राशि मांगने का सवाल ही नहीं है। वही इस मामले में अपर आयुक्त ने निलंबन पर स्थगन नहीं क्रियान्वयन पर स्थगन दिया है। जबकि फरवरी माह में ही क्रियान्वयन हो चुका है। मेरे ऊपर उक्त महिला सरपंच के द्वारा कई आरोप लगाएं है लेकिन सब निराधार है कोई आरोप सत्य नही है ।।

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