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नवा रायपुर स्थित मंत्रालय में बुधवार को दोपहर तीन बजे साय सरकार के कैबिनेट की बैठक होने वाली है। इस बैठक में सरकार के सभी मंत्री शामिल होंगे। 

रायपुर। छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर स्थित मंत्रालय में बुधवार को दोपहर तीन बजे साय सरकार के कैबिनेट की बैठक होने वाली है। इस बैठक में सरकार के सभी मंत्री शामिल होंगे। जिसमें रामलला दर्शन योजना और बलौदाबाजार हिंसा पर भी अहम फैसले लिए जा सकते हैं। शिक्षा विभाग में खाली पदों को भरने पर चर्चा हो सकती है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के यह कैबिनेट की पहली बैठक है।

बृजमोहन की बैठक में शामिल होने पर सस्पेंस  

कैबिनेट की बैठक से पहले ज्यादा चर्चा इस बात पर हो रही है कि, क्या बृजमोहन अग्रवाल बैठक में शामिल होंगे। क्योंकि वह विधायक पद से इस्तीफा दे चुके हैं। लेकिन इस्तीफा देने के बाद भी वे शिक्षा मंत्री हैं। अगर वे इस बैठक में शामिल होते हैं तो छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक इतिहास में यह पहली बार होगा जब कोई विधायक ना रहते हुए भी मंत्री हो और कैबिनेट की बैठक में शामिल हुआ हो। माना जा रहा है कि, आचार संहिता खत्म होने के बाद हो रही इस कैबिनेट बैठक में आम लोगों से जुड़े कई अहम फैसले लिए जाएंगे। 

किसानों को लेकर हो सकता है बड़ा फैसला 

बताया जाता है कि, इस बार कैबिनेट बैठक में बड़ा फोकस कृषि पर होगा। चूंकि, बारिश के साथ राज्य में खेती किसानी के काम तेज हो जाते हैं। ऐसे में किसानों के लिए खाद और बीज की पर्याप्त उपलब्धता को लेकर फैसले लिए जा सकते हैं। राज्य के अलग-अलग इलाकों में मौसमी बीमारियों के हालात भी बन सकते हैं। ऐसे में कैबिनेट की बैठक में डॉक्टर और दवाओं के पर्याप्त इंतजाम करने से जुड़ी व्यवस्थाओं पर भी चर्चा हो सकती है। वहीं, तेंदूपत्ता संग्राहकों को सरकार ने नगद भुगतान करने का फैसला लिया है। 

बलौदाबाजार हिंसा पर भी हो सकते हैं फैसले 

10 जून को बलौदाबाजार में हुई हिंसा को लेकर कैबिनेट में फैसले लिए जा सकते हैं. जिसमें हिंसा प्रभावित लोगों के मुआवजे और तोड़फोड़ से हुए नुकसान की भरपाई करने के संबंध में भी बैठक में फैसला लिया जा सकता है। 

शिक्षक भर्ती पर लग सकती है मुहर 

शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद भी खाली हैं। शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भी स्कूल शिक्षा विभाग संभालते ही अफसरों के साथ पहली बैठक में ही इस पर चर्चा की थी। इस वजह से उन्होंने विभाग की सबसे बड़ी जरूरत को ध्यान में रखते हुए पहले ही चरण में 33 हजार शिक्षकों की भर्ती करने की घोषणा की। आज होने वाली केबिनेट की बैठक में इस पर मंजूरी मिल सकती है। श्री अग्रवाल ने इसके लिए बाकायदा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को नोट शीट भी भेजी है। साथ ही इसे उन्होंने वित्त मंत्री ओपी चौधरी को भी मार्क किया है. ताकि शिक्षकों की भर्ती के लिए वित्त विभाग की ओर से तत्काल मंजूरी मिल सके।

33 हजार शिक्षकों के पद हैं खाली 

मंत्री श्री अग्रवाल ने सीएम को बताया है कि, प्रदेश में 78 हजार पद खाली हैं। जिसमें से 33 हजार पदों पर भर्ती की घोषणा की गई है। भर्ती की अनुमति की नस्ती वित्त विभाग में लंबित है। शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया कई चरणों में प्रस्तावित है। इससे पहले भूपेश सरकार ने लगभग 14 हजार नियमित शिक्षकों की भर्ती की थी। जबकि शिक्षकों को एलबी शिक्षक के रूप में नियुक्ति दे दी गई।

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