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महाराष्ट्र तथा रायपुर एटीएस ने जिन बांग्लादेशी घुसपैठियों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर इराक जाने के लिए पासपोर्ट, वीजा के साथ गिरफ्तार किया है।

रायपुर। महाराष्ट्र तथा रायपुर एटीएस ने जिन बांग्लादेशी घुसपैठियों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर इराक जाने के लिए पासपोर्ट, वीजा के साथ गिरफ्तार किया है, उनकी मार्कशीट किसी दूसरे की मार्कशीट को स्कैन कर फर्जी स्कूल सर्टिफिकेट बनवाए जाने के बारे में पुलिस को जानकारी मिली है। पुलिस तथा एटीएस को बांग्लादेशी घुसपैठियों के रायपुर के साथ मिलाई, दुर्ग तथा बिलासपुर में होने की जानकारी मिली है। बांग्लादेशी घुसपैठियों की धरपकड़ करने पुलिस तथा एटीएस की टीम द्वारा गुप्त रूप से अभियान चलाए जाने के बारे में जानकारी मिली है। वहीं इस मामले में आईबी की इंट्री हुई है। 

मुंबई तथा रायपुर एटीएस की टीम ने तीन बांग्लादेशी घुसपैठिये जो सगे भाई हैं, उन्हें मुंबई से एयरपोर्ट जाते पिछले महीने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया है। घुसपैठियों के पकड़े जाने के बाद टिकरापारा पुलिस ने तीनों के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर पूछताछ करने कोर्ट से रिमांड हासिल की थी। बांग्लादेशी घुसपैठियों की रिमांड हासिल करने के बाद पुलिस की चार अलग-अलग टीमों ने पूछताछ की।

घुसपैठियों से आईबी अफसरों ने की पूछताछ 

इराक भागने की फिराक में पकड़े गए बांग्लादेशी घुसपैठिये मोहम्मद इस्माइल, शेख अकबर, शेख साजन से आईबी हेडक्वार्टर से आए ऑपरेशन विंग के दो अफसरों की टीम ने पूछताछ की है। इस बात की अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है। सूत्रों के मुताबिक आईबी के ऑपरेशन विंग को राज्य के कई जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों के होने की जानकारी मिली है। 

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पहचान परेड वाले कई संदिग्ध गायब 

घुसपैठियों के मुंबई में पकड़े जाने के बाद पुलिस ने 30 जनवरी को बाहर से आकर यहां रह रहे लोगों की पहचान परेड कराई थी। पुलिस ने उन संदिग्धों के बारे में जानकारी जुटाने संबंधित राज्य की पुलिस को उनके बारे में जानकारी देने पत्र लिखा है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने जिन डेढ़ सौ के करीब संदिग्धों को ट्रेस किया है, उनमें से कई संदिग्ध गायब हो गए हैं। 

पैसे कहां से आते थे, इसकी जानकारी अब तक नहीं 

घुसपैठिये रायपुर में कबाड़ बीनने तथा बेचने का काम करते थे। घुसपैठियों के रहन -सहन के स्तर को देखते हुए पुलिस को घुसपैठियों को किसी अन्य सोर्स के माध्यम से अतिरिक्त पैसे मिलने की आशंका है। घुसपैठियों के पास अतिरिक्त पैसे कहां से आते थे, इस बात की घुसपैठियों ने पुलिस को सही जानकारी नहीं दी है। 

बचने के लिए बंगाली में बात करते थे 

रिमांड पर लिए गए बांग्लादेशी घुसपैठिये पुलिस के सवालों से बचने सवालों के जवाब बंगाली भाषा में दे रहे थे। इसके चलते पुलिस ने पूछताछ करने बंगाली जानने वाले पुलिसकर्मियों की मदद ली , तब पुलिस बांग्लादेशी घुसपैठियों से पूछताछ कर पाई।

इन परिचय पत्र के बाद तैयार किया सर्टिफिकेट 

पुलिस के अनुसार, बांग्लादेशी घुसपैठियों ने रायपुर आने के बाद अपने स्थानीय मददगारों की मदद से शिविर में पहले वोटर आईडी बनवाए। वोटर आईडी के आधार पर घुसपैठियों ने अपने आधार कार्ड बनवाने के बाद च्वाइस सेंटर में पैन कार्ड बनवाए। देश में यूसीसी लागू होने के बाद घुसपैठियों ने अपने आपको मूल निवासी साबित करने किसी दूसरे के स्कूल की अंकसूची को स्कैन कराकर अपना स्कूल सर्टिफिकेट बनवाया।

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