बिलासपुर। संभाग के सबसे बड़े सिम्स अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के एचओडी द्वारा जूनियर डॉक्टर के साथ छेड़छाड़ और उत्पीड़न करने के मामले में सिटी कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। इसके बाद सिम्स में हड़कंप मच गया है। मामले का खुलासा होने के बाद सिम्स प्रबंधन ने प्रोफेसर को परीक्षा कार्य से अलग कर दिया था। सिम्स अस्पताल एक बार फिर से चर्चा में है।

सिम्स के मेडिसीन विभाग के एचओडी डॉ. पंकज टेम्भूर्णीकर पर विभाग की महिला जूनियर डॉक्टर ने गंभीर आरोप लगाए थे। महिला डॉक्टर ने इसकी शिकायत पुलिस से की थी और पत्र लिखकर डॉक्टर्स फेडरेशन संगठन के प्रदेश अध्यक्ष को मामले में संज्ञान लेने की अपील की थी। इसके बाद डॉक्टर्स फेडरेशन ने सीएम विष्णुदेव साय से अपील की थी। पीड़िता पोस्ट ग्रेजुएट रेसीडेंट और पीजी की छात्रा है। पीड़िता ने मेडिसिन विभाग के एचओडी पर अनुचित व्यवहार, उत्पीड़न, अनुचित स्पर्श का आरोप लगाया है।  

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पीड़िता ने पत्र में कहा था कि,  एचओडी डॉ टेम्भूर्णीकर द्वारा पिछले 8 माह से उत्पीड़न किया जाता रहा है। इससे पूर्व भी सिम्स के डॉक्टरों द्वारा साथी महिला डॉक्टरऔर स्टाफ के साथ ही उत्पीड़न का मामला सामने आ चुका है। पुलिस ने जूनियर डॉक्टर की रिपोर्ट पर एचओडी डॉ. पंकज टेम्भूर्णीकर के खिलाफ अपराध क्रमांक 104/25 बीएनएस की धारा 351, 74,78 के तहत जुर्म दर्ज कर लिया गया है। ज्ञात हो कि जूनियर डॉक्टर ने सबसे पहले मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों को घटना की जानकारी दी थी लेकिन शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया। जब मामला बढ़ा तो पहले इसे विशाखा समिति के हवाले किया गया पर कार्रवाई से बचते रहे। उच्च स्तरीय शिकायत के बाद डीन डॉ. रमणेश मूर्ति ने डॉ. पंकज टेम्भूर्णीकर को परीक्षा कार्य से पृथक कर दिया था।

जांच के बाद होगी कार्रवाई 

सिटी कोतवाली टीआई विवेक पांडेय ने बताया कि,  जूनियर डॉक्टर ने सिम्स के एचओडी के खिलाफ लंबे समय से ड्यूटी के दौरान अश्लील हरकते करते हुए छेड़खानी करने की रिपोर्ट लिखाई है। उसकी रिपोर्ट पर डॉ. पंकज टेम्भूर्णीकर के खिलाफ छेड़खानी का मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।