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बलौदाबाजार जिले के सीसदेवरी गांव में एक अलग ही तस्वीर देखने को मिली। इस गांव में सरपंच पद के लिए 6 महिला प्रत्याशी मैदान में हैं। उनका कहना है कि चुनाव में कोई भी जीते, अंत में पूरा गांव ही विजेता होगा।

बलौदाबाजार। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आमतौर पर प्रत्याशियों के बीच प्रतिस्पर्धा और विरोधाभास देखने को मिलता है। लेकिन बलौदाबाजार जिले के सीसदेवरी गांव में एक अलग ही तस्वीर देखने को मिली। इस गांव में सरपंच पद के लिए 6 महिला प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन चुनावी संघर्ष के बावजूद उनके बीच एकता की अनूठी मिसाल कायम हुई है। इनके नाम भावना चंद्राकर, लीना चंद्राकर, उत्तरा चंद्राकर, संतोषी साहू, कैलाश चंद्राकर और मानवी चंद्राकर है।

सभी महिला प्रत्याशी मतदाताओं से समर्थन मांग रही हैं, लेकिन उनका साझा लक्ष्य गांव का विकास करना है। ये महिलाएं व्यक्तिगत जीत से अधिक गांव की बेहतरी पर ध्यान दे रही हैं। मतदान केंद्र के बाहर सभी छह प्रत्याशी एक साथ खड़ी होकर हाथ जोड़कर मतदाताओं से अधिक से अधिक मतदान करने की अपील कर रही हैं, ताकि लोकतंत्र की भावना मजबूत हो। उनका कहना है कि चुनाव में कोई भी जीते, अंत में पूरा गांव ही विजेता होगा।

गांव के लोग महिलाओं की एकता से प्रभावित 

इन प्रत्याशियों का मानना है कि चुनाव खत्म होने के बाद भी उन्हें एक साथ मिलकर गांव का विकास करना है। उनके बीच कोई मतभेद नहीं है, बल्कि वे गांव को एक आदर्श विकास मॉडल बनाना चाहती हैं। गांव के मतदाता भी इन महिलाओं की एकता से प्रभावित हैं और इन्हें पूरा समर्थन देने के लिए उत्साहित हैं। यह पहल पंचायत चुनावों में नई राजनीति की दिशा तय कर सकती है, जहां आपसी प्रतिद्वंद्विता के बावजूद सामूहिक विकास प्राथमिकता बनी रहे। यदि ये महिलाएं अपने उद्देश्यों पर कायम रहती हैं, तो निश्चित रूप से ग्राम सर देवरी जिले भर में एक प्रेरणादायक उदाहरण बन सकता है और अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणा स्रोत साबित होगा।
 

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