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बस्तर के भीषण जंगल नक्सलियों को रास आते हैं। क्योंकि उनकी आड़ में वे छुपे रह सकते हैं। इसीलिए सड़क निर्माण का विरोध करते हैं। फिर भी बस्तर में सड़कें बन रही हैं...कैसे...पढ़िए

गणेश मिश्रा-बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों का आंतक आज भी कायम है। इनसे निपटने के लिए हमारे सुरक्षाबलों के जवान किस कदर अपनी जाम जोखिम में डालकर लड़ने पहुंचते हैं...इस बात का अंदाजा आप और हम नहीं लगा सकते। यह सिर्फ और सिर्फ उनके परिवार के लोग ही सोच और समझ सकते हैं। 

उल्लेखनीय है कि, नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियानों और माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को लेकर सरकारें समीक्षा बैठकें करती रहती हैं। लेकिन जवान ही इन कार्यों को अंजाम तक पहुंचाते हैं। आज हम आपको इसकी एक बानगी दिखाने जा रहे हैं...

काफी तेजी से सड़कों का विस्तार...

बीजापुर जिले में पहुंचविहीन इलाकों और गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए इन दिनों काफी तेजी से सड़कों का विस्तार किया जा रहा है। इन सड़कों के निर्माण के दौरान सुरक्षा में लगे जवानों को निशाना बनाने के लिए माओवादी लगातार IED प्लांट कर रहे हैं। जिसे रोजाना पुलिस की बीडीएस टीम बरामद करके उन्हें निष्क्रिय करते हुए नक्सलियों के नापाक मंसूबों पर सिर्फ पानी ही नहीं फेर रहे हैं, बल्कि जवानों की जान भी बचा रहे हैं। 

देखिए कैसे मिला बम और कैसे किया गया निष्क्रिय

हरिभूमि .कॉम की टीम जवानों की टुकड़ी के साथ उनके अभियान में आने वाली कठिनाइयों को कवर करने कि लिए निकली थी। बीजापुर जिले के मुडवेंदी इलाके में पहुंचने पर पता चलता है कि, सड़क का निर्माण कार्य कड़ी सुरक्षा में किया जा रहा है। इसी दौरान टीम की मौजूदगी में सड़क से एक 5 KG की IED बरामद किया जाता है। हम आपको IED बरामद होने और उसे ब्लास्ट कर निष्क्रिय करने का लाइव VIDEO दिखा रहे हैं। साथ ही यह दिखाया जा रहा है कि, किस तरह जवान अपनी जान पर खेलकर हमे नक्सलियों से सुरक्षित रखते हैं।

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