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राज्य सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार जांच सौंपने से पहले या तो राज्य में ही एफआईआर कराई। जाएगी या सीबीआई खुद एफआईआर करेगी। ये दोनों विकल्प अभी खुले हैं।

पूर्व सरकार के कार्यकाल में भाजपा नेता ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में लगाई थी याचिका

रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पीएससी सीजी) की पिछली परीक्षाओं में हुई कथित अनियमितताओं, गड़बड़ियों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के पहले राज्य सरकार इस घोटाले की कुंडली तैयार करने में जुटी है। राज्य सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार जांच सौंपने से पहले या तो राज्य में ही एफआईआर कराई। जाएगी या सीबीआई खुद एफआईआर करेगी। ये दोनों विकल्प अभी खुले हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में 3 जनवरी को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह फैसला किया गया था कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए पीएससी घोटाले की जांच सीबीआई से कराई जाएगी।

हालांकि इससे पहले जब 2023 के चुनाव के पूर्व यह मामला सामने आया था, तब ही भाजपा ने वादा किया था कि सरकार में आने पर सीबीआई जांच कराई जाएगी। साय सरकार ने अपने वादे के अनुरूप कैबिनेट की शुरुआती बैठक में ही इस बारे में निर्णय लिया है। कैबिनेट के फैसले के क्रियान्वयन में राज्य सरकार जुट गई है। गृह विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि यह मामला सीबीआई को सौंपने के पहले कुछ निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है। बताया गया है कि प्रकरण से संबंधित बहुत-सी जानकारियां अलग-अलग कॉलम में तैयार की जा रही हैं। यह दस्तावेजी कार्रवाई पूरी होने के बाद मामला सीबीआई को सौंप दिया जाएगा।

एफआईआर कौन करेगा

पीएससी घोटाले की जांच से जुड़ा एक अहम सवाल है कि मामले में एफआईआर कौन करेगा। इस बारे में उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि इसके लिए भी दो विकल्प हैं। पहला ये कि राज्य सरकार की ओर से छत्तीसगढ़ में ही एफआईआर कराई जाए। इसके बाद एफआईआर सहित पूरा प्रकरण सीबीआई को दिया जाए। दूसरा विकल्प ये है कि सारे दस्तावेज हाथ में आने के बाद सीबीआई खुद अपने स्तर पर एफआईआर कराए।

 अपने स्तर पर जानकारी जुटा रही है सीबीआई

पीएससी घोटले के संबंध में यह महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया है कि राज्य सरकार द्वारा मामले की सीबीआई जांच कराने का निर्णय लेने के बाद से ही खुद सीबीआई ने मामले से संबंधित तथ्यों को जुटाना शुरू कर दिया है। जानकारी मिली है कि पूर्ववर्ती सरकार के समय जब ये मामला सामने आया था, उस समय भाजपा से जुड़े कुछ नेताओं ने इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से सामने लाने की कोशिश की थी। अब सीबीआई ऐसे नेताओं से संपर्क कर उनके पास उपलब्ध जानकारी लेने का प्रयास शुरू कर चुकी है।

ये है मामला- पीएससी घोटाला

छत्तीसगढ़ में पीएससी घोटाले के संबंध में मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से सामने आई जानकारी, आरोप के मुताबिक सीजी पीएससी के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, राजभवन सेक्रेटरी अमृत खलको समेत कई अधिकारियों के बेटे-बेटियों और करीबी रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे पदों पर नियुक्ति देने के आरोप लगे हैं। मामले को लेकर पूर्व मंत्री एवं बीजेपी नेता ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

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