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राज्यभर में कई ऐसे गुरु भी मिल जाएंगे, जिन्होंने शिष्यों के लिए खुद को समर्पित कर रखा है। इन्हीं गुरुओं में रायपुर के शिक्षक बिहारी लाल शर्मा भी हैं। 

रायपुर। रविवार को गुरु पूर्णिमा है। सनातन परंपरा में गुरु- शिष्य का अनूठा संबंध और स्नेह आज भी बना हुआ है और राज्यभर में कई ऐसे गुरु भी मिल जाएंगे, जिन्होंने शिष्यों के लिए खुद को समर्पित कर रखा है। इन्हीं गुरुओं में रायपुर के शिक्षक बिहारी लाल शर्मा भी हैं, जिन्होंने अपनी सैलरी से न केवल गरीब बच्चों की सालाना फीस भर रहे हैं, बल्कि हर साल तकरीबन 400 बच्चों के लिए जूते-ड्रेस और बैग्स का भी इंतजाम कर रहे हैं। 

श्री शर्मा वर्तमान में नगर माता बिन्नी बाई सोनकर गवर्नमेंट इंग्लिश मीडियम उत्कृष्ट विद्यालय भाठागांव में कार्यरत हैं। उनका कहना है कि आज भी कई बच्चों के पास सालाना फीस जमा करने का भी पैसा नहीं होता। ऐसे विद्यार्थियों की फीस जमा करता हूं। पांच सालों में 300 से अधिक बच्चों की फीस का इंतजाम किया है। इनमें से कई विद्यार्थी 12वीं के बाद जॉब करने लगे हैं। पढ़ाई के साथ बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना लक्ष्य है, ताकि शिक्षा और मेहनत के दम पर वे अपना भविष्य बेहतर कर सकें।

400 विद्यार्थियों को हर साल जूते- मोजे व स्कूल बैग का वितरण

सामान्य बच्चों की तरह गरीब परिवार के बच्चे भी स्कूल बैग और पूरी ड्रेस में स्कूल पहुंचें, इसके लिए राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक श्री शर्मा हर साल पहली से 12वीं तक के 400 से अधिक बच्चों को जूते-मोजे, ड्रेस व स्कूल बैग देते हैं। स्कूल  में प्रतिदिन विद्यार्थियों को अंग्रेजी, योग, पर्यावरण, सामान्य ज्ञान व हमारे देश तथा प्रदेश की विभिन्न परंपरा, संस्कृति, त्योहार के विषय में जानकारी देते हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षक के रूप में जीवन हमेशा विद्यार्थियों के लिए समर्पित होगा। शिक्षक बनने के बाद मन में ठान लिया कि था शिक्षा को सरल बनाना है, जिसे ग्रहण करने आर्थिक स्थिति कभी बाधा न बने। बचपन से ही माता-पिता को दूसरे लोगों की मदद करते देखा था, इसलिए ये भावना बचपन से ही है।

स्कूलों में कल से गुरु पूर्णिमा

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में 22 जुलाई से गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाने की निर्देश दिए हैं। इस आयोजन में गुरुजनों और स्कूली बच्चों के अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे। कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना और गुरू वंदना से होगी। स्कूली बच्चों के द्वारा जीवन में गुरुओं के महत्व पर व्याख्यान भी दिए जाएंगे। इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षकों द्वारा भी अपने उत्कृष्ट विद्यार्थियों के बारे में यादगार पलों का स्मरण किया जाएगा। इसी प्रकार स्कूली बच्चे भी अपने गुरूओं के साथ हुए अनेक प्रसंगों की चर्चा करेंगे। कार्यक्रम में निबंध लेखन और कविता पाठ का भी आयोजन होगा।

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