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छत्तीसगढ़ में सरकारी विभाग और सरकारी अफसर ही बिजली के सबसे बड़े बकायेदार हैं। नगरीय निकायों और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग बिजली के सबसे बड़े बकायादार हैं।

गौरव शर्मा -रायपुर। दिया तले अंधेरा की कहावत को चरितार्थ करता है छत्तीसगढ़ का सरकारी महकमा । सरकारी विभागों की जिम्मेदारी है कि नियमों का पालन सख्ती से कराए। लेकिन हाल यह है कि वे खुद इसका पालन नहीं कर रहे। छत्तीसगढ़ में सरकारी विभाग और सरकारी अफसर ही बिजली के सबसे बड़े बकायेदार हैं। नगरीय निकायों और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग बिजली के सबसे बड़े बकायादार हैं।

 नगरीय निकायों का जहां 1115 करोड़ बिजली बिल बकाया है, वहीं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भी 286.63 करोड़ के बकाये के साथ दूसरे क्रम पर है। आईएएस एसोसिएशन पर ही 55 लाख 91 हजार 460 रुपए का बकाया है। सरकारी विभागों पर बिजली कंपनी का बकाया 1 हजार 784 करोड़ रुपए है। इस तरह रसूखदारों की वजह से सीएसपीडीसीएल का बकाया 4 हजार 394 करोड़ तक पहुंच गया है।

सरकारी विभाग 1784 करोड़ के कर्जदार 

सीएसपीडीसीएल को चपत लगाने में निजी सेक्टर और उद्योगों के साथ सरकारी विभागों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। सरकारी विभागों ने 1784.45 करोड़ का बिल नहीं पटाया है। इनमें पंचायत, नगरीय निकाय के साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग ने 75.42 करोड़, चिकित्सा विभाग ने 64.20 करोड़ और गृह विभाग ने 29.75 करोड़ का बिल नहीं पटाया है। कुल 34 विभागों से 1784.45 करोड़ की लेनदारी है।

आम आदमी के लिए सात दिन की मोहलत, नहीं तो बिजली कट 

गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार के उपभोक्ता अगर सामान्य बिल भी न पटाएं, तो ड्यू डेट के सात दिन के भीतर उनके घर का बिजली कनेक्शन काटने का प्रावधान है, लेकिन बड़े बकायादारों के लिए डिमांड नोटिस का खेल होता है। बिजली कंपनी के अफसर बताते हैं कि लगातार बिल पेमेंट के लिए दबाव बनाया जाता है, लेकिन बकाये की भारी भरकम राशि से स्पष्ट है कि रसूखदारों से वसूली में कोताही बरती जाती है।

नेता, बिल्डर और बड़े उद्योगपति भी सूची में 

सीएसपीडीसीएल को अरबों की चपत लगाने वालों की सूची में नेता, बिल्डर से लेकर बड़े उद्योगपति भी शामिल हैं। सिर्फ रायपुर के सिविल लाइन इलाके के बकायादारों की सूची देखी जाए तो कई ऐसे रसूखदारों के नाम हैं, जिन्होंने लंबे समय से बिजली का बिल नहीं पटाया है। खास बात यह है कि 1 लाख से 15 लाख तक बकाया होने के बाद भी रसूखदारों ने बिल नहीं पटाया है।

2610 करोड़ की चपत प्राइवेट सेक्टर से

सीएसपीडीसीएल को 2610 करोड़ की चपत तो निजी कंपनियों और व्यक्तियों से लगी है। इनमें निम्न दाब वाले उपभोक्ताओं ने जहां 2140 करोड़ का चूना लगाया है। वहीं उच्चदाब वाले उपभोक्ताओं ने 470 करोड़ का नुकसान पहुंचाया है। इस तरह सिर्फ प्राइवेट सेक्टर से 2610 करोड़ की चपत लगी है।

परिणाम मूलक कार्रवाई करेंगे

सीएसपीडीसीएल एमडी भीम सिंह ने बताया कि, बकायादारों से वसूली के लिए मैदानी अधिकारियों को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं। जल्द ही इस संबंध में समीक्षा बैठक भी रखी जाएगी और परिणाम मूलक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। 

 

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