Delhi Government Jobs: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के लिए सरकारी नौकरी में उम्र और शैक्षिक योग्यता में छूट देने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। इस कदम से 88 आवेदकों को मल्टी-टास्किंग स्टाफ (MTS) पद पर नियुक्ति मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
55 साल तक की उम्र वालों को मौका
उपराज्यपाल ने सरकारी नौकरियों में 55 वर्ष की उम्र तक के आवेदकों को शैक्षिक योग्यता और उम्र की बाधाओं से छूट दी है। यह फैसला दंगा पीड़ित परिवारों के लिए सालों से चली आ रही मांगों का परिणाम है। यह पहल 2006 में गृह मंत्रालय द्वारा स्वीकृत पुनर्वास पैकेज का हिस्सा है, जिसमें दंगा पीड़ितों के लिए नौकरियों का प्रावधान था। पहले चरण में 72 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 22 को नियुक्ति दी गई। बाकी 50 आवेदकों को अब इस फैसले का लाभ मिलेगा।
अक्टूबर 2024 में लिया गया अहम फैसला
अक्टूबर 2024 में उपराज्यपाल ने 50 योग्य आवेदकों के लिए शैक्षिक योग्यता में पूर्ण छूट दी थी। इसके बाद नवंबर 2024 में आयोजित विशेष कैंप के दौरान 199 नए आवेदन आए, जिनमें से 89 को योग्य पाया गया। राजस्व विभाग के अनुसार, 88 आवेदकों की उम्र और शैक्षिक योग्यता में छूट देकर उन्हें MTS पद पर नियुक्ति दी जाएगी। उपराज्यपाल के इस निर्णय ने दंगा पीड़ित परिवारों के लिए रोजगार का नया मार्ग खोल दिया है।
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सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति का आभार
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति और पीड़ित परिवारों ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय दंगा पीड़ितों के संघर्षों को मान्यता देता है और उनके पुनर्वास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही दिल्ली सरकार ने इस फैसले के साथ यह संदेश दिया है कि वह 1984 के दंगा पीड़ितों के साथ खड़ी है और उनके पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध है। उम्मीद है कि यह फैसला अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
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