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Electoral Bonds: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर बड़ा खुलासा किया। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी जमकर हमला बोला है।

Sanjay Singh On Electoral Bonds: इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा एक बार फिर गरमाता दिख रहा है। दरअसल, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर बड़ा खुलासा किया है और बीजेपी पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर सबसे बड़ा घोटाला हुआ है। कंपनियों ने अपने मुनाफे से तीन गुना चंदा बीजेपी को दिया है।

'कंपनियों को हजारों करोड़ की टैक्स में छूट'

संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पिछले कुछ वर्षो में पर्दे के पीछे देश की जनता से छिपाकर करोड़ो का भ्रष्टाचार केंद्र की मोदी सरकार ने किया है। यह भ्रष्टाचार इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर हुआ है। इसके करने के लिए नियमों का बदलाव किया गया, हजारों करोड़ की टैक्स में छूट दी गई। लाखों करोड़ का कंपनियों को ठेका दिया गया। यह सब पर्दे के पीछे चल रहा था।

उन्होंने कहा कि मैं तो सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया कहना चाहता हूं कि उन्होंने मुंह से छाती से दिमाग से जहां-जहां इनका डाटा छिपा हुआ था। उसे खींच कर जनता के सामने रख दिया। संजय सिंह ने कहा कि आज मैं जो खुलासा करने जा रहा हूं उसकी तो अब सीरीज चलेगी और मोदी सरकार के भ्रष्टाचार का खुलासा करुंगा।

घाटा होने के बाद भी कंपनियों ने दिया चंदा

उन्होंने कहा कि ऐसी 33 कंपनियां हैं जिन्होंने सात वर्षों में 1 लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ। लेकिन इन कंपनीयों ने  भाजपा को 450 करोड़ रुपये का दान दिया है। उन्होंने कहा कि 17 कंपनियां ऐसी हैं जिन्होंने या तो शून्य टैक्स दिया है या तो उन्हें टैक्स में छूट मिली है। छह कंपनियां ऐसी हैं जिन्होंने 600 रुपये का दान दिया है, इसमें एक कंपनी ऐसी है जिसने अपने मुनाफे से तीन गुना अधिक दान दिया है। दूसरी कंपनी ऐसी है जिसने अपने मुनाफे का 93 गुना ज्यादा चंदा दिया है। तीन कंपनी ऐसी हैं जिन्होंने 88 करोड़ रुपये का चंदा दिया है और शून्य टैक्स दिया है।

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'कंपनियों को टैक्स में मिली छूट'

एयरटेल ने भारतीय जनता पार्टी को 200 करोड़ का चंदा दिया है इसके सात साल में 77 हजार करोड़ का उसको घाटा हुआ है। इसके बाद भी इसने चंदा दिया है। वहीं, इसको 8200 करोड़ रुपये के टैक्स में छूट मिली है। जिसमें इसको कुछ छूट सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से मिली है, बाकी छूट तो एक रहस्य का विषय है। वहीं, डीएलएफ ने 25 करोड़ का चंदा दिया है। इसको टोटल 130 करोड़ का घाटा हुआ है। वहीं इसको 20 करोड़ के टैक्स में छूट मिली है।  

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