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AAP Congress Alliance: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर सहमति बनती नहीं दिख रही है। दरअसल आप ने कांग्रेस के पास प्रस्ताव भेजा है कि वो दिल्ली की 6 सीटों पर लोकसभा का चुनाव लड़ेगी।

AAP Congress Alliance: दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सीट  बंटवारे को लेकर सहमति बनती नहीं दिख रही है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सीट बंटवारे को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है। आप नेता संदीप पाठक ने कहा कि हमने कांग्रेस को दिल्ली में एक सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है। जबकि आम आदमी पार्टी 6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। आप नेता ने कहा कि अगर सही समय पर कांग्रेस का जवाब नहीं आया तो आम आदमी पार्टी दिल्ली की 7 में से 6 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर देगी। 

AAP ने भेजा प्रस्ताव

संदीप पाठक ने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर हमारी कांग्रेस पार्टी के साथ दो आधिकारिक बैठकें हुईं, लेकिन इन बैठकों का कोई नतीजा नहीं निकला। इन दो आधिकारिक बैठकों के अलावा, पिछले एक महीने में कोई अन्य बैठक नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि हम अगली बैठक का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अभी तक बैठक की जानकारी सामने नहीं आई है। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस को 3 और आप को 4 सीट पर चुनाव लड़ने की बात चल रही थी। लेकिन अब आम आदमी पार्टी ने 6 सीटों पर और कांग्रेस को एक सीट पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भेजा है। हालांकि, अब देखना होगा की कांग्रेस की तरफ से इस प्रस्ताव पर क्या जवाब आता है। उधर, आप और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर सहमति न बन पाने पर बीजेपी ने चुटकी ली है।

बीजेपी ने ली चुटकी 

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी के खिलाफ उसके ही सहयोगियों द्वारा एक और अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गया है। कुछ दिन पहले ममता बनर्जी ने कांग्रेस को कहा कि पश्चिम बंगाल में 2 सीटें ले लो, आप दो से अधिक सीटों के लायक नहीं हैं, अन्यथा मैं सभी सीटों पर अकेले लड़ रही हूं। उधर, पंजाब में AAP ने कहा कि 13 प्लस एक चंडीगढ़ सीट हम अकेले चुनाव लड़ेंगे।

पूनावाला ने आगे कहा कि उधर, उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने अपनी सीटों का ऐलान करते हुए कांग्रेस को 11 सीटें ही दी। हर राज्य में गठबंधन के किसी भी साथी को कांग्रेस पार्टी या राहुल गांधी पर भरोसा नहीं है। इसलिए यह कोई गठबंधन नहीं है। उन्होंने कहा कि दरअसल ये 'मोदी हटाओ' नहीं, 'कांग्रेस को घटाओ' गठबंधन है। वैसे भी कांग्रेस को पूरे देश में लड़ने के लिए 200 या उससे कम सीटें दी जानी चाहिए क्योंकि कांग्रेस और ये पार्टियां एक-दूसरे का अस्तित्व खत्म करके ही अस्तित्व में आई हैं।

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