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'वन नेशन, वन इलेक्शन' को लेकर अरविंद केजरीवाल ने कहा देश में वन नेशन वन एजुकेशन वन नेशन वन हेल्थ केयर सिस्टम होनी चाहिए। आइए जानते हैं केजरीवाल ने ऐसा क्यों कहा...

Arvind Kejriwal on ONE NATION, ONE ELECTION: 'वन नेशन, वन इलेक्शन' (एक देश, एक चुनाव) के मुद्दे पर पूरे देश में सियासत तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट द्वारा इस योजना के लिए विधेयक (Bill) को मंजूरी मिलने के बाद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि देश को 'एक राष्ट्र, एक शिक्षा' और 'एक राष्ट्र, एक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली' की जरूरत है, न कि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की।  

अरविंद केजरीवाल का ट्वीट

केजरीवाल ने गुरुवार 12 दिसंबर को एक्स पूर्व में ट्विटर पर लिखा,  देश को चाहिए ONE NATION, ONE EDUCATION;  ONE NATION, ONE HEALTHCARE SYSTEM; न कि ONE NATION, ONE ELECTION। भाजपा की प्राथमिकताएं गलत हैं।  

आप ने बताया लोकतंत्र विरोधी कदम

आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी इस विधेयक की आलोचना की। उन्होंने कहा कि 'एक देश, एक चुनाव' एक जुमला है और यह लोकतंत्र के खिलाफ है। इससे राजनीतिक खरीद-फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा।  

केंद्र में मोदी कैबिनेट ने दी विधेयक को मंजूरी

मोदी सरकार ने गुरुवार को 'एक देश, एक चुनाव' विधेयक को मंजूरी दी है। अब इसे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस पर विस्तार से चर्चा के लिए इसे संसदीय समिति को भेजा जा सकता है।  

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लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की योजना

सरकार ने सितंबर में 'एक देश, एक चुनाव' योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू करने के लिए हाई लेवल की समिति ने सिफारिशों को स्वीकार किया था। समिति ने सुझाव दिया था कि लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव दो चरणों में एक साथ कराए जाएं। कई विपक्षी दलों ने इस योजना पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि इससे संविधान और संघीय ढांचे पर असर पड़ेगा। वहीं, भाजपा इसे चुनावी प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने का कदम बता रही है।

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