Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है। दिल्ली की इस चुनावी युद्ध में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी के बीच भीषण टक्कर होने वाली है। इसको लेकर राजधानी का माहौल काफी गर्म चल रहा है। आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव को लेकर पहले ही 3 सूची जारी कर चुकी है और अब कांग्रेस ने भी कैंडिडेट की पहली सूची जारी कर दी, लेकिन फिर भी संभावना है कि इस चुनाव में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन होने वाला है। कांग्रेस के पुराने चिट्ठे खुल चुके हैं, जिसके आधार पर बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने दावा किया है कि आखिरी समय में कांग्रेस और आप गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली है।
'कांग्रेस की लिस्ट सिर्फ दिखावा'
बता दें कि कांग्रेस ने कल देर रात करीब साढ़े 9 बजे दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर पहली सूची जारी की है। इस सूची में 21 कैंडिडेट के नाम फाइनल किए गए हैं। खास बात है कि कांग्रेस ने केजरीवाल की सीट नई दिल्ली विधानसभा से अपने मजबूत दावेदार संदीप दीक्षित को टिकट दिया है, जो दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे हैं और वह केजरीवाल को टक्कर देने में सक्षम हैं। इसके अलावा पटपड़गंज सीट से भी ओझा सर के खिलाफ अपना कैंडिडेट उतार दिया है। सामान्य तौर पर देखा जाए तो लगता है कि कांग्रेस का लिस्ट जारी करना मतलब आप से गठबंधन नहीं करना है, लेकिन सियासत जितना सरल दिखता है, उतना होता नहीं है।
'आप-कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ नहीं लड़ेंगे'
दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कांग्रेस की लिस्ट जारी करने के बाद इस बात पर बल दिया है कि कांग्रेस और आप गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 को देखकर तो यही लग रहा है कि कांग्रेस-आप एक दूसरे के खिलाफ कैंडिडेट नहीं उतारेंगे और गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की लिस्ट सिर्फ लिस्ट बनकर रह जाएगी और आखिरी समय में आप से गठबंधन कर लेगी।
'2013 विधानसभा चुनाव में भी की गठबंधन'
बीजेपी नेता ने आगे कहा कि 2013 विधानसभा चुनाव में भी यही देखने को मिला था कि कांग्रेस ने आखिरी समय में आप के साथ गठबंधन कर लिया था और फिर लोकसभा चुनाव में भी ऐसा ही देखने को मिला। हम उम्मीद करते हैं कि इस बार कांग्रेस अपने स्टैंड पर कायम रहेगी और अकेले चुनाव लड़ेगी। बीजेपी नेता के इस बयान के बाद यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि कांग्रेस का लिस्ट जारी करना आप पर सिर्फ दबाव बनाना है, ताकि गठबंधन में उसे अधिक सीट मिल सके, अंतत: दोनों एक साथ ही चुनाव लड़ने वाले हैं।
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