Delhi Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, उम्मीदवारों के हलफनामे से चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है। दिल्ली इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के अनुसार, इस बार 19 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी दी है।
हलफनामे में चौंकाने वाले आंकड़े
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में 699 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से 19 फीसदी यानी 133 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी है। यह आंकड़ा 2020 के विधानसभा चुनावों के मुकाबले 1 फीसदी कम है, जब 20 फीसदी उम्मीदवारों ने ऐसी जानकारी दी थी।
गंभीर आपराधिक मामले
12 फीसदी उम्मीदवारों ने गंभीर आपराधिक मामलों की जानकारी दी है। इसमें हत्या, हत्या के प्रयास और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे संगीन मामले शामिल हैं।
महिलाओं के खिलाफ अपराध
13 फीसदी उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों की जानकारी दी है।
हत्या और हत्या के प्रयास
दो उम्मीदवारों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 के तहत हत्या का आरोप है। पांच उम्मीदवारों पर हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं।
पार्टीवार उम्मीदवारों का आंकड़ा
आम आदमी पार्टी (AAP)
आप के 63 फीसदी उम्मीदवारों ने आपराधिक मामलों की जानकारी दी है। इनमें से 41 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
भारतीय जनता पार्टी (BJP)
बीजेपी के 29 फीसदी उम्मीदवारों ने आपराधिक मामलों का खुलासा किया है। इनमें से 13 फीसदी गंभीर मामलों का सामना कर रहे हैं।
कांग्रेस (INC)
कांग्रेस के 41 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले हैं। इनमें 19 फीसदी पर गंभीर आरोप दर्ज हैं।
मुकाबले में अन्य दल भी मैदान में
दिल्ली में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। इसके अलावा एआईएमआईएम, एनसीपी और बसपा जैसे दल भी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में 5 फरवरी 2025 को वोटिंग होगी। नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। चुनाव आयोग के अनुसार, कुल 13,033 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं।
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आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की संख्या लोकतंत्र के लिए एक गंभीर सवाल खड़ा करती है। हालांकि, पार्टियों के हलफनामे से यह साफ है कि बड़े दल भी ऐसे उम्मीदवारों को टिकट देने से परहेज नहीं कर रहे। अब देखना होगा कि जनता इन आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए किसे सत्ता सौंपती है।