Delhi High Court on DUSU: दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव (DUSU) के नतीजों को लेकर हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। 27 सितंबर को हुए चुनाव के नतीजे पहले घोषित किए जाने थे, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाए जाने की वजह से कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। अब हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय को कुछ शर्तों के साथ अनुमति दी है कि वे 26 नवंबर को नतीजे घोषित कर सकते हैं, बशर्ते प्रचार के दौरान क्षतिग्रस्त की गई संपत्तियों की सफाई और मरम्मत कर दी जाए।
प्रशांत मनचंदा की याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट का फैसला
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह फैसला प्रशांत मनचंदा की याचिका पर सुनवाई के बाद लिया है। मनचंदा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को बर्बाद किया गया। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी और छात्रों को निर्देश दिया कि एक हफ्ते के भीतर सभी क्षतिग्रस्त संपत्तियों की मरम्मत की जाए। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि 10 दिनों के भीतर मरम्मत काम की कन्फर्मेशन रिपोर्ट हाईकोर्ट रजिस्ट्री में जमा कराई जाए।
DUSU चुनाव में कम हुई वोटिंग, 27 सितंबर को 35.16 फीसदी मतदान
DUSU चुनाव में इस बार कुल 35.16 फीसदी मतदान हुआ था, जो पिछले साल के मुकाबले कम है। कुल 1,45,893 में से केवल 51,300 वोट पड़े। इस चुनाव में प्रमुख छात्र संगठन एनएसयूआई, एबीवीपी और लेफ्ट समर्थित संगठनों ने अपनी जीत के दावे किए। अब 26 नवंबर को नतीजे घोषित होने के बाद ही चुनावी परिणाम साफ होगी।
चुनाव प्रचार के दौरान संपत्तियों को पहुंचाए नुकसान की भरपाई जरूरी
हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि 26 नवंबर को नतीजे तभी घोषित होंगे जब सार्वजनिक और निजी संपत्तियों की मरम्मत का काम पूरा हो जाएगा। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों को जिम्मेदार ठहराया गया है।
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