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Delhi High Court : देश की राष्ट्रीय राजधानी की जेलों में बंद कैदियों के स्वास्थ्य पर निगरानी के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने एक समिति का गठन किया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि कैदियों के स्वास्थ्य में किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। पढ़िये इस फैसले के पीछे का कारण...

Delhi News:  दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी दिल्ली की जेलों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए एक समिति का गठन किया है। प्रत्येक कैदी के लिए जीवन और स्वास्थ्य उपचार पर जोर दिया गया है। इस दौरान न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने समिति को जेल अस्पतालों में इमरजेंसी चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता होने का आदेश दिया है। विशेष तौर पर ह्रदय गति रुकने और रक्तस्राव जैसी बीमारियों का आकलन करने के लिए कमेटी का गठन किया गया है। 

ये लोग होंगे कमेटी में शामिल 

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के सचिव की ओर से गठित की गई कमेटी में जेल के महानिदेशक, दिल्ली जेल के सीएमओ, नामित वरिष्ठ जेल विजिटिंग जज, वकील संजय दीवान, डीएसएलएसए के सचिव और गायत्री पुरी जैसे सदस्य शामिल होंगे। न्यायमूर्ति शर्मा ने इस बात का सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया है कि जेल के कैदियों की स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का अच्छे से ध्यान रखा जाए और कैदियों के स्वास्थ्य की सही ढंग से देखभाल हो। इसके लिए एक बुनियादी ढांचा बनाया गया है। 

डॉक्टरों से मांगी गई चिकित्सा उपकरणों की सूची 

दिल्ली हाईकोर्ट ने जेल के डॉक्टरों से कैदियों के लिए इस्तेमाल में होने वाले उपकरणों की सूची देने को कहा गया है। इसके अलावा, सभी जेल के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को जेल महानिदेशक को हफ्ते भर की रिपोर्ट सौंपने का भी आदेश दिया गया है, उन्ही जेल  विजिटिंग न्यायिक अधिकारियों को किसी तत्काल आवश्यकताओं के बारे में जानकारी देने का जिम्मा सौंपा गया है। हाईकोर्ट का यह फैसला उत्पाद शुल्क नीति घोटाला मामले के आरोपी व्यवसायी अमनदीप सिंह ढल्ल द्धारा चिकित्सा कारणों से अंतरिम जमानत की मांग करने वाली याचिका पर आया है। 

कैदियों के स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाए

जस्टिस एसके शर्मा की ओर से ढल के स्वास्थ्य पर ध्यान दिया है और उन्हें कारावास के चुनौतीपूर्ण संदर्भ में मानवाधिकारों और समान व्यवहार के प्रति सामाजिक प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया है। अदालत ने सुधार सुविधाओं स्वास्थ्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ढल्ल को दो हफ्ते के लिए सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करने का आदेश दिया है। न्यायाधीश ने इसे सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के कानून और नैतिक दायित्व पर जोर दिया है। आगे कहा है कि सभी कैदियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए। 

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