Delhi News: दिल्ली के लोगों के लिए एक राहत की खबर है। जल्द ही राजधानी में जलभराव की समस्या खत्म होने वाली है। खबरों की मानें, तो दिल्ली जल बोर्ड ने मौजूदा सीवर नेटवर्क को बढ़ाने के लिए सीवेज मास्टर प्लान 2041 पर काम करना शुरू कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक, अधिकारियों का कहना है कि पर्यावरण ऑडिटिंग फर्मों को 10 हजार किलोमीटर लंबे सीवेज सिस्टम का अध्ययन करने के लिए बुलाया गया है। जिसे आखिरी बार करीब 23 साल पहले अपडेट किया गया था। इस तरह का आखिरी अध्ययन 2000 में सीवर मास्टर प्लान 2021 के लिए किया गया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जल बोर्ड के आंतरिक सीवर नेटवर्क का अध्ययन करने के लिए कंपनियों को आमंत्रित किया गया है। कंपनी को मौजूदा नेटवर्क समस्याओं का अध्ययन करना होगा और उन्हें ठीक करने के उपाय भी सुझाने होंगे।
दिल्ली जल बोर्ड की रिपोर्ट की मानें, तो दिल्ली के आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक और अन्य क्षेत्रों में सीवर नेटवर्क की लंबाई 200 किमी लंबे ट्रंक सीवर नेटवर्क के अलावा 10,720 किमी है। जल बोर्ड इस नेटवर्क के माध्यम से रोजाना करीब 990 एमजीडी पानी की आपूर्ति करता है, जिसमें से 80 प्रतिशत (792 एमजीडी) सीवेज अपशिष्ट होता है, जो 65 पंपिंग स्टेशनों पर जाता है और यहां से इसे 38 सीवेज जल उपचार संयंत्रों (Sewage Water Treatment Plants) में भेजा जाता है। इसके बाद पानी को ट्रीट कर बड़े नालों में छोड़ा जाता है।
दिल्ली जल बोर्ड को रोजाना मिल रही थी दो हजार शिकायतें
दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली में एक दिन में सीवर जाम, सीवर ओवरफ्लो और सीवर ब्लॉकेज की औसतन दो हजार शिकायतें आती हैं। वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि हमें सीवेज से संबंधित हजारों शिकायतें मिलती हैं। समस्या की गंभीरता से लिया गया है। ऐसे में दिल्ली के लोगों को इस समस्या से राहत दिलाने के लिए सीवर मास्टर प्लान-2041 तैयार करने की कवायद शुरू की गई है।