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राष्ट्रपति ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की शक्तियों को बढ़ा दिया है। अब उन्हें राजधानी में किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या वैधानिक निकाय का गठन करने का अधिकार मिल गया है।

Delhi LG New Power:  दिल्ली में नगर निगम के 12 वार्ड समितियों के चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना की शक्तियों को बढ़ा दिया है। आइए जानते हैं कि अब दिल्ली के उपराज्यपाल के कौन-कौन से अधिकार है और एलजी की पावर बढ़ने से केजरीवाल सरकार की मुश्किलें कैसे बढ़ सकती है। 

पावर मिलते ही पलटा मेयर शेली ओबेरॉय 

दरअसल, दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना की पावर जैसी ही गृह मंत्रालय ने बढ़ाई तो उन्होंने तुरंत एमसीडी वार्ड समिति चुनावों के लिए पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति कर दी और उन्होंने दिल्ली के मेयर शैली ओबेरॉय का फैसला पलट दिया। मंगलवार को मेयर शेली ओबेरॉय ने दिल्ली में MCD वार्ड समितियों के चुनाव कराने से मना कर दिया था। उन्होंने इसके लिए लोकतांत्रिक अखंडता पर चिंताओं का हवाला दिया था। जिसके बाद एलजी ने मामले की जानकारी गृह मंत्रालय की दी और केंद्र सरकार ने उपराज्यपाल की शक्तियों को बढ़ा दिया। 

उपराज्यपाल कर सकेंगे प्राधिकरणों और बोर्डों का गठन

दरअसल, पहले उपराज्यपाल के पास दिल्ली महिला आयोग और दिल्ली विद्युत नियामक आयोग जैसे विभिन्न प्राधिकरणों, बोर्डों और आयोगों के गठन की शक्ति विशेष रूप से नहीं थी।हालांकि, नई अधिसूचना एलजी को इन संस्थाओं को बनाने और उनकी देखरेख करने का पूर्ण अधिकार देती है। इसका मतलब यह है कि एलजी के पास अब वैधानिक निकायों और आयोगों की स्थापना और प्रबंधन का एकमात्र विवेकाधिकार है। 

दिल्ली LG अब निकायों और आयोगों में कर सकेंगे नियुक्तियां

इन निकायों को बनाने के अलावा उपराज्यपाल अब इनमें सदस्यों की नियुक्ति भी कर सकते हैं। यह परिवर्तन इस प्रक्रिया में अन्य सरकारी निकायों या अधिकारियों की किसी भी पिछली भागीदारी को दरकिनार करते हुए, नियुक्ति की शक्ति को एलजी के हाथों में केंद्रीकृत कर देता है।


ऐसे बढ़ेगी केजरीवाल की मुश्किलें

दरअसल, पिछली व्यवस्था के तहत, दिल्ली सरकार और उसके अधिकारियों, जिनमें सीएम और विभिन्न विभाग प्रमुख शामिल थे।वो ही दिल्ली में वैधानिक निकायों के गठन और कामकाज में अपनी भूमिका निभाते थे। नया निर्देश इन जिम्मेदारियों को दिल्ली सरकार से दूर कर देता है, जिससे एलजी को ज्यादा नियंत्रण मिल जाता है।

एलजी करेंगे अपनी शक्तियों को प्रयोग 

खबरों की मानें, तो धारा 45डी के तहत संशोधन इस बात की पुष्टि करता है कि राष्ट्रपति के पास दिल्ली के लिए सदस्यों की नियुक्ति और निकाय गठित करने का अधिकार है। हाल ही में उपराज्यपाल को लेकर जो अधिसूचना जारी की गई है। वो इस धारा के अनुरूप है। जिसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि राष्ट्रपति के निर्देशानुसार एलजी इन शक्तियों का प्रयोग करेंगे।

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