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दिल्ली शराब घोटाले मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नियमित जमानत याचिका के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसको लेकर कोर्ट ने आज सुनवाई की और अब सुनवाई की अगली तारीख 1 जून तय की है।

Delhi Liquor Policy Scam: दिल्ली शराब घोटाले मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज गुरुवार को नियमित जमानत के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट का रुख किया। दिल्ली सीएम की याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट में दोपहर दो बजे सुनवाई हुई। ईडी ने सीएम की जमानत अर्जी का विरोध किया। कोर्ट ने अब इस मामले में अगली सुनवाई 1 जून तय की है।

2 जून को करना है आत्मसमर्पण

आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को 2 तारीख को आत्मसमर्पण करना है। आत्मसमर्पण की डेडलाइन से तीन दिन पहले उन्होंने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में नियमित जमानत और अंतरिम जमानत याचिका दोनों दायर की है। बता दें कि मार्च में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने दी थी 21 दिन की राहत

इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मौजूदा लोकसभा चुनावों में प्रचार करने के लिए 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी। कोर्ट ने चुनाव समाप्त होने के एक दिन बाद यानी 2 जून तक पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है। वहीं, इस सप्ताह की शुरुआत में केजरीवाल ने अपनी अंतरिम जमानत की अवधि 7 दिन और बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी। हालांकि, दिल्ली के मुख्यमंत्री को झटका देते हुए कोर्ट ने उनकी अर्जी पर तत्काल सुनवाई के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।

21 मार्च की हुई सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी

दिल्ली शराब घोटाले मामले में 21 मार्च को ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके आवास से गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा भेजे गए 9 समन का पालन न करने पर अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद यह पहली बार है जब उन्होंने नियमित जमानत के लिए आवेदन किया है। इससे पहले वह अपनी गिरफ्तारी को अवैध बता रहे थे।

कब लागू हुई थी नई आबकारी नीति

दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई आबकारी नीति लागू की। दिल्ली के उपराज्यपाल ने इस पॉलिसी में कथित घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश दिए। इसके बाद नई आबकारी नीति में भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो दिल्ली सरकार ने सितंबर 2022 में इस पॉलिसी को रद्द कर दिया।

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